जस्टिस जोसफ मामला: ऐसे समझें- सुप्रीम कोर्ट जजों की वरिष्ठता का विवाद
सवाल ये उठाया जा रहा है कि वरिष्ठता इस बात से तय होनी चाहिए कि कौन पहले हाई कोर्ट चीफ जस्टिस बना. जोसफ पहले चीफ जस्टिस बने. इस लिहाज से उन्हें इंदिरा बनर्जी और विनीत सरन से वरिष्ठ माना जाना चाहिए.
नई दिल्ली: उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के.एम जोसफ कल सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ लेंगे. सरकार ने मद्रास हाई कोर्ट की जस्टिस इंदिरा बनर्जी और उड़ीसा के चीफ जस्टिस विनीत सरन को सुप्रीम कोर्ट जज बनाने की अधिसूचना पहले ही जारी कर दी थी. इस लिहाज से जस्टिस के एम जोसफ इन दोनों से जूनियर हो जाएंगे. आमतौर पर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और वरिष्ठ जजों में से सुप्रीम कोर्ट जज चुना जाता है. इसमें वरिष्ठता और योग्यता दोनों को देखा जाता है. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति का कोई तय नियम नहीं रहा.
सार्वजनिक नहीं किया जाता कॉलेजियम की चर्चा का ब्यौरा
योग्यता को लेकर कॉलेजियम ने क्या चर्चा की, इसका ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया जाता. जैसे कि जनवरी में जस्टिस के एम जोसफ के नाम की सिफारिश करते वक्त कहा गया कि वो उपलब्ध जजों में योग्यतम हैं. सरकार ने उनकी सिफारिश लौटाते हुए कहा, "जोसफ हाई कोर्ट जजों की वरिष्ठता क्रम में 42वें हैं, उनसे वरिष्ठ 10 चीफ जस्टिस भी मौजूद हैं." कॉलेजियम ने कहीं न कहीं इसे स्वीकार किया और दो और जजों के साथ उनके नाम की सिफारिश भेजी.
जस्टिस जोसफ पर नया विवाद, वरिष्ठता घटाए जाने से नाराज जज CJI से मिलेंगे
सरकार ने हाई कोर्ट जज बनने की तारीख से वरिष्ठता का निर्धारण किया और नोटिफिकेशन जारी कर दिया. इंदिरा बनर्जी और विनीत सरन, के एम जोसफ से पहले हाई कोर्ट जज बने थे. इसलिए, सरकार की तरफ से उनका नाम जोसफ से पहले रखा गया. सवाल ये उठाया जा रहा है कि वरिष्ठता इस बात से तय होनी चाहिए कि कौन पहले हाई कोर्ट चीफ जस्टिस बना. जोसफ पहले चीफ जस्टिस बने. इस लिहाज से उन्हें इंदिरा बनर्जी और विनीत सरन से वरिष्ठ माना जाना चाहिए. यहां भी बहुत अस्पष्टता है.
जस्टिस चेलमेश्वर-चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के मामले से समझें
मौजूदा चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, हाल में रिटायर हुए जस्टिस चेलमेश्वर से पहले हाई कोर्ट जज बने थे. लेकिन चेलमेश्वर उनसे करीब दो साल पहले हाई कोर्ट चीफ जस्टिस बने थे. लेकिन जब दोनों को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया, तब जस्टिस मिश्रा को चेलमेश्वर से पहले शपथ दिलाई गई. साफ है कि तब पहले हाई कोर्ट जज बनने की वजह से उन्हें चेलमेश्वर से वरिष्ठ मान लिया गया.
ऐसे तमाम उदाहरण मौजूद हैं, जहां तमाम हाई कोर्ट चीफ जस्टिस को छोड़कर किसी जज को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया हो. ऐसा करने के पीछे की वजह कभी कॉलेजियम ने ज़ाहिर नहीं की. उदाहरण के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस सथाशिवम सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने से पहले किसी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस नहीं रहे थे.
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