मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के ऊपर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस कैलाश चंदीवाल की अध्यक्षता वाली समिति ने गुरूवार को 25 हजार रुपये का जुर्माना किया है. समिति के सामने सुनवाई के लिए पेश नहीं होने के चलते परमबीर सिंह के ऊपर यह कार्रवाई की गई है. मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर की तरफ से राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने जस्टिस कैलाश उत्तमचंद चंदीवाल के एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था.

  


सरकार के एक वकील ने गुरूवार को बताया कि सिंह के बुधवार को आयोग के समक्ष पेश न होने पर उन पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया. पिछली सुनवाई के दौरान जांच आयोग ने सिंह को उसके समक्ष पेश होने के लिए ‘‘आखिरी मौका’’ दिया था. यह दूसरी बार है जब परमबीर सिंह पर जुर्माना लगाया गया है.






जून में आयोग ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को सम्मन भेजे जाने के बावजूद उसके समक्ष पेश न होने के लिए 5,000 रुपये का जुर्माना भरने को कहा था. यह धनराशि मुख्यमंत्री के कोविड-19 राहत कोष में जमा की जानी है. मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाए जाने और मार्च में होम गार्ड्स में तबादला किए जाने के कुछ दिनों बाद सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में दावा किया कि देशमुख पुलिस अधिकारियों से मुंबई में रेस्त्रां तथा बार मालिकों से पैसा लेने के लिए कहते थे.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता देशमुख ने आरोपों से इनकार किया है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच कर रहे हैं.


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