CJI के खिलाफ 'फिक्सरों' की साज़िश के दावे की होगी जांच, SC ने कहा- सच जानना देश के लिए ज़रूरी
वकील उत्सव बैंस का दावा है कि CJI के खिलाफ साजिश रची गई है. ऐसा कोर्ट के सिस्टम में मौजूद फिक्सर, तीन बर्खास्त कर्मचारियों और कॉरपोरेट जगत के कुछ लोगों ने किया है.
नई दिल्ली: चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ साजिश रचे जाने के दावे की जांच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ए के पटनायक करेंगे. कोर्ट ने CBI, IB और दिल्ली पुलिस से जांच में सहयोग के लिए कहा है. CJI के खिलाफ साजिश का दावा वकील उत्सव बैंस ने किया है. उनका कहना है कि कोर्ट में सुनवाई और फैसलों को प्रभावित करने की कोशिश करने वाले फिक्सर मौजूद हैं. चीफ जस्टिस के सख्त रवैये से उनका नेटवर्क प्रभावित हो रहा है. इसलिए, वो CJI के खिलाफ साजिश कर रहे हैं.
मामला चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर कोर्ट की एक पूर्व महिला कर्मचारी की तरफ से लगाए गए यौन दुर्व्यवहार के आरोप का है. दिसंबर में बर्खास्त की जा चुकी महिला का आरोप है कि दुर्व्यवहार का विरोध करने के चलते उसे नौकरी से निकाला गया था. वकील उत्सव का दावा है कि CJI के खिलाफ साजिश रची गई है. ऐसा कोर्ट के सिस्टम में मौजूद फिक्सर, तीन बर्खास्त कर्मचारियों और कॉरपोरेट जगत के कुछ लोगों ने किया है.
आज की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने SIT के गठन की मांग की. वहीं वकील इंदिरा जयसिंह ने साज़िश की जांच के लिए टीम बनाने से महिला की शिकायत की जांच पर असर पड़ने की बात कही. 3 जजों की बेंच के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा, "हम साफ कर चुके हैं, उस शिकायत से इस कार्रवाई का संबंध नहीं. उसकी जांच आंतरिक कमिटी करती रहेगी. हम कोर्ट के सिस्टम में खराब तत्वों की मौजूदगी के दावे पर सुनवाई कर रहे हैं."
साफ तौर पर नाराज़ नज़र आ रहे जस्टिस मिश्रा ने आगे कहा, "क्या कोई न्यायपालिका पर नियंत्रण की कोशिश कर सकता है. 3-4 साल से न्यायपालिका के बारे में बहुत कुछ कहा जा रहा है. बेंच फिक्सिंग की बातें कही जाती हैं. क्या ताकतवर लोग सोचते हैं कि वो देश की हर चीज़ को अपने मुताबिक चला सकते हैं? देश को सच जानने का हक है."
गौरतलब है कि कोर्ट ने महिला की तरफ से लगाए गए आरोपों को भी गंभीरता से लिया है. नियम के मुताबिक शिकायत की जांच के लिए एक इन हाउस कमिटी के गठन कर दिया गया है. 3 जजों की इस कमिटी के सदस्य जस्टिस एस ए बोबडे, एन वी रमना और इंदिरा बनर्जी हैं. कमिटी ने महिला को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है.
कोर्ट ने आज पूर्व जस्टिस ए के पटनायक को वकील उत्सव के दावे की जांच का ज़िम्मा सौंपा है. कोर्ट ने साफ किया है कि ये कमिटी महिला के आरोप की जांच नहीं करेगी. यानी महिला के आरोप सही हैं या नहीं, इसे तय करने में पटनायक कमिटी की कोई भूमिका नहीं होगी. इसका काम कोर्ट के सिस्टम में खराब तत्वों की मौजूदगी और उनकी चीफ जस्टिस के खिलाफ साज़िश के दावे की सच्चाई परखना होगा. कोर्ट कह चुका है कि न्यायपालिका में लोगों के भरोसे को बनाए रखने के लिए ये बहुत ज़रूरी है.