Justice Nazeer Retires: जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर हुए रिटायर, सीजेआई चंद्रचूड़ बोले- हमेशा सत्य के साथ खड़े रहे
Supreme Court: भारत के चीफ जस्टिस (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा कि सेवानिवृत्त हो रहे न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर हमेशा सच के साथ खड़े रहे और यह सुनिश्चित किया कि लोगों को न्याय मिले.
Supreme Court Judges Retirement : भारत के चीफ जस्टिस (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा कि सेवानिवृत्त हो रहे जस्टिस एस. अब्दुल नजीर हमेशा सच के साथ खड़े रहे और यह सुनिश्चित किया कि लोगों को न्याय मिले. सीजेआई ने जस्टिस नजीर के समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने (जस्टिस नजीर) कभी भी तनाव को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया.
जस्टिस नजीर न्यायालय की परम्पराओं के अनुरूप अपने अंतिम कार्यदिवस को सीजेआई और जस्टिस पी. एस. नरसिम्हा के साथ रस्मी बेंच में शामिल है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'जस्टिस नज़ीर वैसे न्यायाधीश नहीं हैं, जो सही और गलत के बीच तटस्थ रहेंगे, बल्कि वह सच को तलाशेंगे और इसके लिए खड़े होंगे तथा न्याय सुनिश्चित करेंगे. दुर्भाग्यवश, मैं उनके समक्ष (वकील के तौर पर) पेश नहीं हो सका, लेकिन अयोध्या मामले की सुनवाई में मैं उनके साथ बेंच में शामिल था और मैंने महसूस किया कि उनका व्यक्तित्व कितना बड़ा है. मैं आज शाम सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित विदाई समारोह के लिए अपनी महत्वपूर्ण टिप्पणियों को संजोकर रख रहा हूं.'
'क्रिकेट के मैदान पर एक परंपरा है'
सीजेआई (chief justice of india)ने कहा कि क्रिकेट के मैदान पर एक परंपरा है कि क्रिकेट टीम का कप्तान हमेशा उस दिन मैदान पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले अपने खिलाड़ी को पवेलियन लौटते वक्त टीम की अगुवाई करने की अनुमति देता है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'उस परंपरा की पृष्ठभूमि में मैं जस्टिस नज़ीर से अनुरोध करूंगा कि वह हमें ‘पवेलियन’ (कक्षों) तक जाने में हमारी अगुवाई करें.' जस्टिस नजीर ने कहा कि उन्होंने शीर्ष अदालत में एक न्यायाधीश के रूप में लगभग छह साल बिताए और अपने आखिरी कार्यदिवस पर भावुक हो रहे हैं.
जस्टिस नज़ीर ने कहा, 'मैं थोड़ा भावुक महसूस कर रहा हूं. बहुत-बहुत धन्यवाद. लगभग छह साल हो गए हैं, एक महीना ही कम है. मैंने यहां हर पल का आनंद लिया है. आप सभी ने मेरा समर्थन किया है, मुझे प्रोत्साहित किया है और मुझे सिखाया है.' जस्टिस नरसिम्हा ने भी जस्टिस नजीर के साथ काम का अपना अनुभव साझा किया. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जस्टिस नजीर का चेहरा हमेशा मुस्कुराता रहता था और उनकी यह छाप हमेशा बनी रहेगी.
'जस्टिस नजीर ने बार के साथ हमेशा बेहद शालीनता बरती'
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि जस्टिस नजीर ने बार के साथ हमेशा बेहद शालीनता बरती और उन्होंने अदालत कक्ष में हमेशा सुखद माहौल बनाए रखा. जस्टिस नज़ीर का जन्म पांच जनवरी, 1958 को हुआ था और उन्होंने 18 फरवरी, 1983 को वकालत पेशे की शुरुआत की थी.
उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट में वकालत की और 12 मई, 2003 को कर्नाटक हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किए गए. बाद में उन्हें 24 सितंबर, 2004 को स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया. जस्टिस नज़ीर को 17 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किया गया था.
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