देश के 47वें CJI बने जस्टिस बोबडे, शपथ ग्रहण के बाद मां के पैर छूकर लिया आशीर्वाद
जस्टिस बोबडे प्रधान न्यायाधीश के रूप में 18 महीने कार्य करेंगे. वह 23 अप्रैल 2021 को रिटायर होंगे. जस्टिस बोबडे इस समय सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज हैं.
नई दिल्ली: मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के रिटायरमेंट के बाद आज जस्टिस एस ए बोबडे ने देश के 47वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली. राष्ट्रपति भवन में हुए कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस बोबडे को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. जस्टिस बोबडे ने शपथ ग्रहण के बाद अपनी मां के पैर छूकर आशीर्वाद लिया.
इस कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई वीवीआईपी मेहमान मौजूद रहे. शपथ ग्रहण के बाद हॉल में मौजूद सभी ने ताली बजाकर जस्टिस बोबडे को बधाई दी. उन्होंने अपनी तरफ से हाथ जोड़कर सभी का धन्यवाद दिया.
निर्वतमान सीजेआई रंजन गोगोई ने 18 अक्टूबर को जस्टिस बोबडे को प्रधान न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की सिफारिश की थी. जस्टिस बोबडे इस समय सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज हैं.
जस्टिस बोबडे का जन्म 24 अप्रैल, 1956 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ. नागपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी डिग्री ली, 21 साल की वकालत के बाद 2000 में बॉम्बे हाईकोर्ट में एडिशनल जज बने. 16 अक्टूबर 2012 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने. 12 अप्रैल 2013 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने, जस्टस बोबडे देश के 47वें चीफ जस्टिस बनेंगे. जस्टिस बोबडे का कार्यकाल 23 अप्रैल 2021 तक होगा.
सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर जस्टिस बोबड़े के बड़े फैसले - रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले पर फैसला देने वाली संविधान पीठ का हिस्सा रहे - आधार कार्ड पर अहम आदेश देने वाले बेंच भी जस्टिस बोबडे शामिल रहे - 2016 में NCR में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने का फैसला दिया - राइट टू प्राइवेसी को मौलिक अधिकार करार देने वाली 9 जजों की संविधान बेंच के सदस्य थे - मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले की जांच करने वाले बेंच का भी हिस्सा रहे