Justice Shekhar Kumar Yadav: देश का कानून बहुसंख्यकों के हिसाब से चलेगा जैसी टिप्पणी और मुस्लिमों को लेकर 'कठमुल्ला' शब्द के इस्तेमाल पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. इन टिप्पणियों के कारण उनका नाम राजनीतिक और कानूनी विवादों में घिर गया है. विपक्षी दलों के सांसद इस मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और उनका आरोप है कि जस्टिस यादव ने अपने पद का दुरुपयोग किया है. इस बीच राज्यसभा में जस्टिस यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव भी पेश किया गया है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जारी किया नया रोस्टर
हालांकि जस्टिस यादव की कार्यशैली में बदलाव लाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में एक नया रोस्टर जारी किया है. इस बदलाव के अनुसार जस्टिस यादव अब सिर्फ 2010 से पहले के मामलों की सुनवाई करेंगे और उन्हें निचली अदालत से आने वाली अपीलों की ही सुनवाई का मौका मिलेगा. पहले वे रेप के मामलों और बेल जैसी संवेदनशील मामलों की सुनवाई भी कर रहे थे, लेकिन नए रोस्टर के तहत उन्हें इन मामलों से हटा दिया गया है.
रोस्टर बदलाव पर उठे सवाल
इलाहाबाद हाई कोर्ट का नया रोस्टर जारी होने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह बदलाव जस्टिस यादव के खिलाफ किसी दबाव का नतीजा है. हालांकि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस बदलाव पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की ओर से जस्टिस यादव के बारे में जानकारी मांगे जाने से मामला और भी संवेदनशील बन गया है. अब यह देखना होगा कि इस विवाद का आगे क्या परिणाम निकलता है और क्या जस्टिस यादव के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे.
ये भी पढ़ें: एक देश एक चुनाव क्या होगा लागू, लोकसभा-राज्यसभा के नंबर गेम ने बढ़ाई मोदी सरकार की टेंशन, जानिए किसके कितने सांसद