सुप्रीम कोर्ट को सोमवार को 2 नए जज मिले. चीफ जस्टिस एन वी रमना ने सुबह 10 बजे दोनों नए जजों- जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जमशेद बरजोर पारडीवाला को पद की शपथ दिलाई. सुप्रीम कोर्ट में जजों के स्वीकृत 34 पदों में से 2 खाली थे. अब दोनों पद भर गए हैं. कोर्ट में जजों के मौजूदा वरिष्ठता क्रम के हिसाब से जस्टिस पारडीवाला 2028 में चीफ जस्टिस बन सकते हैं.
कौन हैं जस्टिस धूलिया?
10 अगस्त 1960 को जन्मे जस्टिस सुधांशु धूलिया अभी तक गुवाहाटी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे. मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले जस्टिस धूलिया के पिता केशव चंद्र धूलिया इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज थे. उनके दादा भैरव दत्त धूलिया स्वतंत्रता सेनानी थे. 'भारत छोड़ो आंदोलन' में भागीदारी के लिए उन्होंने 3 साल जेल में बिताए थे. जाने-माने फ़िल्म निदेशक और अभिनेता तिग्मांशु धूलिया उनके छोटे भाई हैं.
वकीलों के परिवार की चौथी पीढ़ी के हैं पारडीवाला
वहीं जस्टिस जमशेद बरजोर पारडीवाला सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति से पहले गुजरात हाई कोर्ट के जज थे. उनका जन्म 12 अगस्त 1965 को मुंबई में हुआ था. वह गुजरात के नवसारी और वलसाड के जाने-माने परिवार से हैं. उनके पिता बरजोर कावसजी पारडीवाला ने 52 साल तक वकालत की. उनके दादा और परदादा भी नामी वकील थे. सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में जमशेद पारडीवाला पारसी समुदाय से आने वाले छठे जज हैं. वह 2028 से 2030 के बीच करीब 27 महीने के लिए देश के मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो वह जस्टिस एस पी भरुचा और जस्टिस एस एच कपाड़िया के बाद इस पद पर पहुंचने वाले पारसी समुदाय के तीसरे सदस्य होंगे.
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