नई दिल्ली : मध्य प्रदेश की सियासी हलचल के बीच एक बड़ी खबर है. कांग्रेस के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया गृह मंत्री अमित शाह के साथ प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचे थे. उसके बाद वो वहां से अमित शाह के साथ वापस चले गए। दिल्ली स्थित अपने निवास से निकल कर सिंधिया पहले गुजरात भवन पहुंचे. बाद में गृह मंत्री अमित शाह भी गुजरात भवन पहुंचे. जिसके बाद दोनों नेता प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए पहुंचे. सूत्र बताते हैं कि शाम को बीजेपी की चुनाव समिति सिंधिया को राज्य सभा का उम्मीदवार घोषित करेगी.
अब आगे क्या ?
ज्योतिराज सिंधिया को बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने से पहले उनको औपचारिक तौर पर बीजेपी में शामिल किया जाएगा. ज्योतिराज सिंधिया बुधवार को भोपाल में राज्यसभा की उम्मीदवारी का पर्चा दाखिल करेंगे. आज शाम को भोपाल में बीजेपी विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों को पार्टी के अधिकृत राज्यसभा उम्मीदवारों के बारे में जानकारी दे दी जाएगी. अब से थोड़ी देर बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से अपने इस्तीफे का ऐलान कर देंगे प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पार्टी से इस्तीफे की घोषणा करेंगे. और उसके साथ ही सिंधिया समर्थित विधायकों के इस्तीफे की भी घोषणा बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दी जाएगी.
मोदी से मुलाकात की क्रोनोलॉजी
ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली स्थित अपने आवास से निकल कर एक होटल पहुंचे. यहां उन्होंने अपनी गाड़ी बदली और गृह मंत्री के आवास की ओर की गए. उसके बाद वो वहां से गुजरात भवन पहुंचे. कुछ देर बाद गृहमंत्री अमित शाह भी गुजरात भवन पहुंचे. गृह मंत्री का काफिले के गुजरात भवन पहुंचने के कुछ देर बाद ही वह ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचे. जहां वो प्रधानमंत्री से मुलाकात कर रहे है. आपको बता दें पीएम मोदी से मुलाकात से कर सिंधिया अमित शाह के साथ वापस चले गए।
बगावत की क्रोनोलॉजी समझिए
- 6 अगस्त 2019- अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन.
- 9-10 सिंतबर 2019- भारी बारिश और बाढ़ पर ट्विटर पर कमलनाथ से भिड़े.
- 25 नवंबर 2019- ट्विटर अकाउंट से कांग्रेसी परिचय हटाया, क्रिकेट प्रेमी और जनसेवक बताया.
- 14 फरवरी 2020- मेनिफेस्टो का वादा अधूरा रहने पर सड़क पर उतने की बात कही.
- 15 फरवरी 2020- किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर सड़क पर उतरने को कहा. कमलनाथ ने कहा- 'तो उतर जाएं'.
बता दें कि कमलनाथ अपनी सरकार बचाने के संकट से गुजर रहे हैं. बीती रात कमलनाथ सरकार के मंत्रियों ने उन्हें इस्तीफा सौंप दिया. कमलनाथ सरकार के 28 में से 22 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है. हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के मंत्री बैठक में शामिल नहीं हुए. ज्योतिरादित्य नाराज हैं, उनके 17 समर्थक मंत्री और विधायक बेंगलूरु में हैं. ज्योतिरादित्य को मनाने की कोशिश जारी है वहीं बीजेपी भी 'ऑपरेशन लोटस' के मिशन में जुटी है. अब सवाल ये है कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार रहेगी या जाएगी?
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