भोपाल: राजनीति संभावनाओं के अलावा माहौल बनाने का भी खेल है. ऐसे में तरह तरह के नेता तरह तरह के मुद्दों पर माहौल बनाते रहते हैं. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी फूलों की माला त्याग सूत की माला अपनाकर ऐसा ही माहौल बनाया था. हालांकि, उन्होंने जिस मुद्दे पर ये किया था वो मंदसौर में किसानों पर गोली चलाए जाने का बेहद संवेदनशील मुद्दा था. अब जब कांग्रेस ने बीजेपी को हरा दिया है, सिंधिया ने फूलों की माला स्वीकार कर ली है.


आपको बता दें कि चुनाव अभियान के दौरान सिंधिया ने कहा था, "जब से ये मंदसौर की घटना हुई है, मैं ये सूत की माला ले रहा हूं. जब तक हम भाजपा को उखाड़ कर नहीं फेकें, मैं कहीं भी फूल की माला नहीं ले रहा हूं." उन्होंने आगे कहा था कि वो भिंडी से प्याज और मिर्च तक की मालाएं स्वीकार कर रहे हैं. सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि विपक्ष का काम है तंज कसना और ऐसे तंज का स्वागत है.


अब जीत के बाद सिंधिया कहते हैं, "मैंने कहा था ना कि जब भाजपा को हम रवाना करेंगे, इंसाफ दिलाने की कोशिश हम करेंगे...उसके बाद ही सूत की उस माला के बाद फूल की माला स्वीकार करना शुरू करुंगा." उन्होंने जीत पर बोलते हुए कहा कि जो जनता ने जनदेश दिया है और शिवराज जी ने जो कहा था, वो कहेंगे कि माफ करिए शिवराज जी, अब आया है जनता का राज. हालांकि, राज्य का सीएम कौन होगा के सावल को उन्होंने ये कह कर टाल दिया कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी का फैसला सर्वसम्मति से स्वीकार किया जाएगा.


उन्होंने बहुमत से दूर होने के सवालों पर कहा कि जो ऐसे कह रहे हैं उन्हें वो ये बताना चाहेंगे कि एस, बीएसपी और निर्दलिय सब कांग्रेस के साथ हैं. उन्होंने सबसे बड़ा तंज शिवराज के अबकी बार 200 के पार वाले नारे पर कसा. उन्होंने कहा कि अगर पांचों राज्यों में बीजेपी को मिली सभी सीटों को जोड़ लिया जाए तो भी 200 के पार नहीं पहुंची है भाजपा.


आपको बता दें कि जिन तीन बड़े राज्यों में चुनाव हुए हैं उनमें रमण सिंह के छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बहुत बड़ी जीत हासिल हुई है, राजस्थान में अपने बूते साधारण बहुमत हासिल हुआ है लेकिन मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य में पार्टी को 114 सीटें मिली हैं जो बहुमत के जादुई आंकड़े से दो सीट कम है. ऐसी स्थिति में सुबह तक कांग्रेस की गाड़ी फंसती नज़र आ रही थी लेकिन अचानक से मिले समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के समर्थन से ये गाड़ी एक्सप्रेस की रफ्तार से निकल पड़ी है.


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