सिंधिया मानव संसाधन तो दिग्विजय शहरी विकास से जुड़ी संसदीय समिति में शामिल, विदेश मामलों की समिति में रंजन गोगोई
लोकसभा स्पीकर, राज्यसभा के उपसभापति, प्रधानमंत्री और अन्य सभी मंत्रियों को छोड़कर संसद का हर सदस्य किसी न किसी संसदीय स्थायी समिति का सदस्य बनाया जाता है.
नई दिल्ली: राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू ने नवनियुक्त राज्यसभा सांसदों की अलग-अलग स्थाई समितियों में नियुक्त कर दिया है. इनमें वो सदस्य भी शामिल है जिन्होंने अब तक सदस्यता की शपथ नहीं ली है. हालांकि उन्हें सदस्यता ग्रहण करने के बाद ही समिति की बैठकों में भाग लेने की इजाज़त मिलेगी.
जिन लोगों ने शपथ लिया है उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया को मानव संसाधन मंत्रालय से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति, जबकि मध्यप्रदेश में उनके धुर विरोधी दिग्विजय सिंह को शहरी विकास मंत्रालय से सम्बंधित स्थायी समिति में जगह दी गई है. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई विदेश मंत्रालय की समिति में शामिल किए गए हैं. गोगोई को राज्य सभा में नामित सदस्य के तौर पर मोदी सरकार ने भेजा था.
वहीं शरद पवार को रक्षा मंत्रालय से जुड़ी समिति जबकि कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को वाणिज्य मंत्रालय की समिति में स्थान दिया गया है. राज्य सभा के पूर्व उपसभापति हरिवंश को कृषि मंत्रालय की स्थायी समिति का सदस्य बनाया गया है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ विनय सहस्रबुद्धे को पदोनत्ति दी गई है. उन्हें मानव संसाधन मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. वो बीजेपी नेता सत्यनारायण जटिया का स्थान लेंगे जिनका सदस्य के तौर पर कार्यकाल ख़त्म हो चुका है. सहस्रबुद्धे नरेंद्र मोदी के मिशन 'एक देश एक चुनाव' को बढ़ावा देने में काफ़ी दिनों से काम कर रहे हैं.
बुधवार को नवनियुक्त 61 राज्य सभा सांसदों में से 45 सदस्यों ने शपथ ली थी. जिन सदस्यों ने शपथ नहीं ली उनमें पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा भी शामिल हैं. लोकसभा स्पीकर, राज्यसभा के उपसभापति, प्रधानमंत्री और अन्य सभी मंत्रियों को छोड़कर संसद का हर सदस्य किसी ना किसी संसदीय स्थायी समिति का सदस्य बनाया जाता है. मंत्रालय से जुड़ी हर स्थायी समिति में अध्यक्ष समेत 31 सदस्य होते हैं. जिनमें 21 लोकसभा के जबकि 10 राज्य सभा के सदस्य होते है.
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