भोपाल: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में कई लुभावने वादे किए थे. जिनको पूरा करने में सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती खाली खजाना है. अब सरकार के अपनों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने टीकमगढ़ में कहा कि अगर मेनिफेस्टो का एक भी वादा अधूरा रहा तो मैं खुद सड़कों पर उतरूंगा. वहीं भिंड में सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने भी किसान कर्जमाफी वादे के अनुसार ना होने की बात को स्वीकारा है.
2018 का मेनिफेस्टो हमारे लिए ग्रंथ
टीकमगढ़ की एक सभा में कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव ने सिंधिया ने गेस्ट शिक्षकों को नियमित करने को लेकर कहा, ''मैंने चुनाव से पहले आप की आवाज उठाई थी और यह विश्वास मैं आपको दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग हमारी सरकार के मेनिफेस्टो में अंकित है. वो मेनिफेस्टो हमारे लिये ग्रंथ है, सबर रखना मेनिफेस्टो का एक भी अंक पूरा नहीं हुआ तो आप सड़क पर अपने को अकेला ना समझना. आपके साथ सड़क पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी खड़ा होगा. अभी सरकार को एक साल हुआ है. थोड़ा इंतजार हमारे शिक्षकों को करना होगा. उन्होंने कहा कि आप चिंता मत करो, आपकी ढाल भी मैं बनूंगा और तलवार भी मैं बनूंगा."
मंत्री बोले हम राहुल गांधी का वादा पूरा नहीं कर सके
मध्यप्रदेश सरकार के सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने भिंड जिले के मेंहगांव में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान ये माना कि राहुल गांधी द्वारा चुनावों में मध्यप्रदेश के किसानों से किया ऋण माफी का वादा सरकार पूरा नहीं कर सकी है. गोविंद सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने दस दिनों के अन्दर किसानों का दो लाख रूपये तक का कर्जा माफ करने का वचन दिया था, लेकिन उनकी सरकार अपने नेता के इस वादे को समय रहते पूरा नहीं कर पाई और विपक्ष लगातार सरकार पर किसानों से वादा खिलाफी का आरोप लगा रही है. हांलाकि मंत्री गोविंद सिंह ने इसके लिये पूर्व की बीजेपी सरकार को जिम्मेदार बताते हुए प्रदेश का खजाना नई सरकार के लिए खाली छोड़ने की बात कही.
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