ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नागरिक उड्डयन मंत्री का संभाला कामकाज, समीक्षा बैठक भी की
कार्यभार संभालने के तुरंत बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय में चल रहे कार्यों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की और भविष्य के कार्यों पर चर्चा की.
नई दिल्ली: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार संभाला. मध्य प्रदेश के प्रमुख नेता सिंधिया ने हाल ही में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी. वह मार्च 2020 में बीजेपी में शामिल हुए थे और इस समय राज्यसभा सदस्य हैं. साथ ही जनरल वी के सिंह ने नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला. वह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री भी हैं.
कार्यभार संभालने के तुरंत बाद सिंधिया ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय में चल रहे कार्यों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की और भविष्य के कार्यों पर चर्चा की. बैठक में सिंह, नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खरोला और मंत्रालय के अन्य अधिकारी शामिल थे. सिंधिया ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान संचार, वाणिज्य और उद्योग तथा बिजली राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था.
ईमानदारी से कर्तव्यों का निर्वहन
उन्होंने कहा, 'हरदीप सिंह पूरी से मंत्रालय की बागडोर संभालने पर सौभाग्यशाली हूं. मैं ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने और उनके द्वारा किए गए अच्छे काम को जारी रखने का संकल्प करता हूं.' सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया ने भी 90 के दशक की शुरुआत में पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में कार्य किया था.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि सिंधिया ने मंत्रालय में चल रहे कार्यों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की और आगे के रास्ते पर चर्चा की. सिंधिया ने ऐसे समय में मंत्रालय का कार्यभार संभाला है, जब नागरिक उड्डयन क्षेत्र को कोरोना वायरस महामारी के कारण मुश्किल हालात का सामना करना पड़ रहा है. इस क्षेत्र में मांग काफी अधिक प्रभावित हुई है और इसके चलते विमानन कंपनियों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है.
सरकार राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ा रही है और महामारी प्रभावित क्षेत्र को बढ़ावा देने के तरीके पर काम कर रही है. बता दें कि सिंधिया कांग्रेस छोड़कर मार्च 2020 में बीजेपी में शामिल हुए थे. उनके पार्टी छोड़ने के बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई थी और बीजेपी वापस सत्ता में आ गई थी. ग्वालियर के पूर्व शाही परिवार के वंशज सिंधिया 2007 में यूपीए सरकार में शामिल हुए और 2014 तक केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बने रहे.
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