Parliament Special Session: महिला आरक्षण के मुद्दे पर बीआरएस नेता के. कविता ने मंगलवार (5 सितंबर) को भाजपा और कांग्रेस समेत 47 राजनीतिक दलों से एकजुट होने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सभी एकजुट हो जाए और संसद के आगामी विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित करें.


के. कविता तेलंगाना की बीआरएस पार्टी से एमएलसी हैं. एक चिट्ठी में उन्होंने सभी नेताओं से आह्वान किया कि महिलाओं का बढ़ा हुआ प्रतिनिधित्व कोई अलग मामला नहीं है, बल्कि अधिक न्यायसंगत और संतुलित राजनीतिक परिदृश्य बनाने का एक साधन है. इसलिए राजनीतिक मतभेदों को दूर करते हुए महिला आरक्षण को प्राथमिकता देनी चाहिए. 


इसके बाद कांग्रेस के नेता उदित राज ने इसपर जवाब दिया है. कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा, "इंडिया गठबंधन वही करेगा जो वे करना चाहते हैं...वे (बीआरएस) झूठे हैं. उन्होंने (बीआरएस) कहा कि (तेलंगाना का) पहला मुख्यमंत्री दलित समुदाय से होगा, फिर उन्होंने बीआरएस को एक पारिवारिक पार्टी बना दिया और अब वे महिला आरक्षण के बारे में बात कर रहे हैं.''


'हाथ जोड़कर अनुरोध करती हूं'


समाचार एजेंसी एएनआई से के. कविता ने कहा, "कई कारणों से संसद का एक विशेष सत्र बुलाया गया है. संसद में महिलाओं के प्रतिनिधित्व का मुद्दा अत्यंत महत्वपूर्ण है और मैं हाथ जोड़कर सभी राजनीतिक दलों से इस मुद्दे को उठाने का अनुरोध करती हूं. वर्तमान सरकार के पास राज्यसभा में पर्याप्त बहुमत नहीं है, लेकिन महिला आरक्षण विधेयक पहले ही राज्यसभा में पारित हो चुका है. इसलिए उन्हें बस इसे लोकसभा की पटल पर रखना होगा. मैं मल्लिकार्जुन खरगे, नीतीश कुमार और इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेतृत्व से अनुरोध करती हूं कि कृपया महिला आरक्षण विधेयक को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखें."


आरजेडी सांसद मनोज झा ने एएनआई से कहा, ''यह बिल लंबे समय से लंबित है. हमारी पार्टी का मानना है कि महिला आरक्षण बिल का उद्देश्य लोकतंत्र को मजबूत करना चाहिए. एसटी/एससी महिलाओं के लिए एक जगह आरक्षित होनी चाहिए. आरक्षण के अंदर भी आरक्षण होना चाहिए, नहीं तो हमें अगले 25 सालों तक एक और लड़ाई लड़नी पड़ेगी. हमें इस सत्र में 'आरक्षण के भीतर आरक्षण' के साथ महिला आरक्षण विधेयक लाना चाहिए और इसे पारित करना चाहिए."






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