Karnataka Politics: तीन और डिप्टी सीएम के सुझाव से कर्नाटक कांग्रेस में मची हलचल, क्या है डीके शिवकुमार का रुख
Karnataka Congress: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में मंत्री केएन राजन्ना ने वीरशैव-लिंगायत, एससी/एसटी और अल्पसंख्यक समुदायों के नेताओं को उपमुख्यमंत्री पद दिए जाने की वकालत की है.
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Karnataka Deputy CM Politics: कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केएन राजन्ना (K N Rajanna) के तीन और उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने के सुझाव ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है. कर्नाटक कैबिनेट में फिलहाल वोक्कालिगा समुदाय से आने वाले डीके शिवकुमार (D K Shivakumar) अकेले डिप्टी सीएम हैं. शिवकुमार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी और राज्य सरकार में सहकारिता मंत्री राजन्ना ने वीरशैव-लिंगायत, एससी/एसटी और अल्पसंख्यक समुदायों के नेताओं को उपमुख्यमंत्री पद दिए जाने की पैरवी की है. उन्होंने शनिवार (16 सितंबर) को कहा था कि पार्टी के इस कदम से 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले मदद मिलेगी.
केएन राजन्ना ने क्या कुछ कहा?
उन्होंने कहा, "मेरा इरादा है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस कर्नाटक के अंदर ज्यादा सीटें जीते. ऐसा सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रमुख समुदायों को एक पद डिप्टी सीएम का पद दिया जाना चाहिए." राजन्ना ने कहा, "मैंने कुछ दिनों में कांग्रेस आलाकमान को पत्र लिखने का फैसला किया है. मैं अक्टूबर के पहले सप्ताह में दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात करूंगा और उन्हें इस पर मनाने की कोशिश करूंगा."
डीके शिवकुमार को लेकर कही ये बात
ये पूछे जाने पर कि क्या उनके बयान से डीके शिवकुमार नाराज होंगे, राजन्ना ने कहा, "ऐसा क्यों होगा? मैंने किसी के खिलाफ नहीं बोला है. शिवकुमार एक उपमुख्यमंत्री हैं और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष हैं. वह पार्टी को कुशलता से संगठित कर रहे हैं, क्योंकि वह एक अच्छे संगठनकर्ता हैं. मुझे नहीं लगता कि उसे परेशान होने की जरूरत है."
कर्नाटक कांग्रेस में हलचल
टीओआई के अनुसार, कांग्रेस के भीतर एक वर्ग का मानना है कि राजन्ना ने ये बयान हाल ही में शिवकुमार खेमे के एमएलसी बीके हरिप्रसाद द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर किए गए मौखिक हमले के जवाब में दिया. हरिप्रसाद ने कहा था कि दलित नेता जी परमेश्वर (अब गृह मंत्री) को सीएम या डिप्टी सीएम और अनुसूचित जनजाति समुदाय के सतीश जारकीहोली (लोक निर्माण मंत्री) को उपमुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए था.
शिवकुमार को नियंत्रण में रखने की योजना?
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार, कांग्रेस नेताओं में एक राय ये भी है कि राजन्ना का बयान सिद्धारमैया के खेमे की ओर से शिवकुमार को नियंत्रण में रखने और सरकार व पार्टी दोनों में उनके प्रभाव को कम करने की योजना का हिस्सा है. क्योंकि इस बात की चर्चा है कि इस सरकार के ढाई साल के कार्यकाल के बाद शिवकुमार मुख्यमंत्री पद की मांग कर सकते हैं. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी के अंदर अलग-अलग आवाज उठती रही हैं.
तीन और उपमुख्यमंत्री बनाए जाने से संबंधित राजन्ना के बयान पर डीके शिवकुमार ने कोई भी बयान देने से इनकार दिया, लेकिन उनके भाई और सांसद डी के सुरेश ने कहा, "आपको इसके बारे में राजन्ना से पूछना चाहिए. वह सरकार चलाने में शामिल हैं."
"आलाकमान के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं"
राजन्ना के बयान पर राज्य सरकार के मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियंक खरगे ने कहा, "कोई भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सामने अपनी बात रख सकता है. हालांकि, मुझे नहीं लगता कि आलाकमान के समक्ष एक से ज्यादा उपमुख्यमंत्री का कोई प्रस्ताव है."
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