लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर देर रात गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर कफील खान को मथुरा जेल से रिहा कर दिया गया. जेल से रिहा होने के बाद डॉक्टर कफील ने हाईकोर्ट को शुक्रिया अदा करते हुए सरकार से उन्हें दोबारा नौकरी देने की मांग की है जिससे वो संकट के इस दौर में लोगों की मदद कर सकें.


गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉक्टर कफील को सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर भड़काऊ बयान देने के मामले में एनएसए के तहत जेल भेजा गया था. कल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डा० कफील खान पर लगाए गए एनएसए को अवैध करार देते हुए उसे रद्द कर दिया है और उन्हें फ़ौरन जेल से रिहा किये जाने के आदेश दिया था.


अदालत ने इस मामले में तल्ख़ टिप्पणी करते हुए यूपी के सरकारी अमले के कामकाज और फैसले पर सवाल उठाए हैं. डा० कफील को मिली राहत की दो सबसे बड़ी वजह एनएसए के लिए पर्याप्त आधार का न होना और एनएसए लगने के बाद जेल में आरोपी को सभी दस्तावेज मुहैया न कराना रहा है.


हाईकोर्ट के आदेश से रिहा होने के बाद डॉक्टर कफील अहमद ने सरकार से मांग की है कि उन्हें उनकी नौकरी वापस दी जाए जिससे वो लोगों की इलाज से मदद कर सकें . डॉक्टर कफील का कहना है कि वो बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों की मदद करना चाहते हैं, क्योकि बाढ़ के दौरान इन इलाकों में बीमारियां ज्यादा फैलती हैं .


कफील की रासुका अवधि गत छह मई को तीन माह के लिये बढ़ाया गया था। गत 16 अगस्त को अलीगढ़ जिला प्रशासन की सिफारिश पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने गत 15 अगस्त को उनकी रासुका की अवधि तीन माह के लिये और बढ़ा दी थी।


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