दिल्ली: फिर छिड़ सकती है सरकार-अधिकारियों की जंग, ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर पर बदसलूकी का आरोप
इससे पहले मुख्य सचिव से बदसलूकी को लेकर भी आईएएस अधिकारियों और दिल्ली सरकार के बीच लंबी तकरार हुई थी. केजरीवाल सरकार ने आरोप लगाया था कि आईएएस अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार और अधिकारियों के बीच फिर झगड़ा हो गया है. इस बार परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत पर ट्रांसपोर्ट कमिश्नर वर्षा जोशी के साथ बदसलूकी का आरोप लगा है. वर्षा जोशी के समर्थन में दिल्ली के आईएएस अधिकारी एकजुट हो गए हैं और उन्होंने मंत्री कैलाश गहलोत से माफी की मांग की है.
आपको बता दें कि इससे पहले मुख्य सचिव से बदसलूकी को लेकर भी आईएएस अधिकारियों और दिल्ली सरकार के बीच लंबी तकरार हुई थी. केजरीवाल सरकार ने आरोप लगाया था कि आईएएस अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं. मुख्यमंत्री केजरीवाल समेत कई अधिकारी हफ्ते भर उपराज्यपाल के दफ्तर में धरने पर बैठे थे, वहीं से केजरीवाल ने अधिकारियों को पूरे सम्मान और सुरक्षा का भरोसा दिया था, जिसके बाद अधिकारी काम पर लौटे थे.
दिल्ली गवर्नमेंट एंप्लायज एसोशिएशन ने ट्वीट किया, ''सही तरीके से अपना काम करने पर ईमानदार अधिकारियों को एक बार फिर निशाना बनाया जा रहा है. झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं और स्पष्ट राय व्यक्त करने के लिए गरिमा पर हमला किया जा रहा है. माननीय मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बावजूद, गरिमा के लिए कोई सम्मान नहीं है.''
आप के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने इस मामले पर दिल्ली सरकार पर सीधा हमला बोला है. कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया, ''2500 करोड़ रुपये का काम बिना टेंडर देना चाहते थे AAP के मंत्री. IAS ऑफिसर ने मना किया तो मंत्री ने सबके सामने अपमानित किया. आम आदमी पार्टी से अपमानित सभी अधिकारियों में एक बात क्या समान है. ये सभी अधिकारी ईमानदार हैं, इसका ट्रैक रिकॉर्ड क्लियर है और करप्शन का जीरो चार्ज है.''
कैलाश गहलोत पर क्या आरोप लगाए? ट्रांसपोर्ट विभाग के सारे अधिकारी और कर्मचारी 3 अगस्त को कॉन्फ्रेंस रूम में ट्रांसपोर्ट मंत्री कैलाश गहलोत द्वारा ट्रांसपोर्ट सचिव वर्षा जोशी से की गई बदसलूकी से काफी व्यथित हैं. उस मीटिंग में ट्रांसपोर्ट मंत्री ने ट्रांसपोर्ट सचिव से न सिर्फ बदसलूकी की बल्कि 30 जूनियर अधिकारियों के सामने अपमानित किया. मंत्री ने सचिव को झूठे केस में फंसाने की धमकी भी दी इतना ही नहीं मंत्री ने अपने सहायक से कहा कि अगर सचिव अपने कमरे में घुसने की कोशिश करें तो उसे रोक दें. अधिकारियों ने इससे पहले भी मौजूदा राजनीतिक आकाओं की ओर से बदसलूकी देखी है. इस उम्मीद में थे कि इस तरह की चीजों पर रोक लगेगी लेकिन बीते एक साल में हालात बुरे होते चले गए.
इस मामले का सीधा कनेक्शन 10 जुलाई को हुई कैबिनेट की बैठक से है, जिसमें 1000 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के मामले में वर्षा जोशी ने सुझाव दिया कि 2500 करोड़ रुपये की योजना पर आगे बढ़ने से पहले एक डिटेल्ड प्रजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की जानी चाहिए. यहीं नहीं उन्होंने DIMTS को इस मामले में कंसलटेंट नियुक्त किये जाने पर भी आपत्ति की थी क्योंकि उसको इसका कोई अनुभव नहीं. लेकिन इस बैठक के बाद कैबिनेट की वीडियो रिकॉर्डिंग बंद करवा दी गयी और प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी गयी.
क्या है मामला? दिल्ली सरकार 1000 इलेक्ट्रिक बस किराए पर लेना चाहती है. इस योजना की लागत 2500 करोड़ रुपये है. इसी को लेकर ट्रांसपोर्ट मंत्री कैलाश गहलोत ने मीटिंग बुलाई थी. ट्रांसपोर्ट सचिव वर्षा जोशी ने डीपीआर बनाने की वकालत की थी. वर्षो जोशी ने DIMTS को सलाहकार नियुक्त करने पर आपत्ति जताई थी.