मुंबई: भारत के बड़े आरोपियों के लिए लंदन छुपने का अड्डा बन गया है. विजय माल्या, नीरव मोदी, आईपीएल के पूर्व प्रेसिडेंट ललित मोदी और इकबाल मिर्ची के बाद अब ड्रग्स जगत का किंग कैलाश राजपूत ने लंदन में पनाह ली है. मुंबई को ड्रग्स फ्री करने की मुहिम चलाते नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को अब ड्रग रिंग के बेताज बादशाह कैलाश राजपूत की तलाश है.


कैलाश राजपूत को भारत का सबसे बड़ा केमिकल से बने ड्रग्स का सप्लायर माना जाता है. यह भी पता चला है कि कैलाश राजपूत ने ड्रग्स के धंधे से 5000 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी बनाई है. एनसीबी सूत्रों की माने तो हर बड़े मामलों के आरोपियों की तरह इसने भी लंदन में छुपना सबसे सुरक्षित माना है.


बता दें कि इस समय लंदन में पूर्व आईपीएल प्रेसिडेंट ललित मोदी, डायमंड जगत का बड़ा नाम नीरव मोदी और किंगफिशर का मालिक विजय माल्या छुपे हैं. उन्हें यह पता है कि वहां से उन्हें भारत वापस लाना आसान नहीं है. इनसे पहले दाऊद इब्राहिम का करीबी माने जाने वाला इक़बाल मिर्ची भी भारतीय एजेंसियों से बचने के लिए 1980 में भारत से दुबई भाग गया और फिर वहां से लंदन चला गया जहां पर 2013 में दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गयी थी.


कैसे आया कैलाश राजपूत नाम?


मुंबई एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने बताया कि उन्हें हाल ही में अंडरवर्ल्ड माफिया रह चुके मृतक करीम लाला के रिश्तेदार चिंकू पठान को नवी मुंबई से गिरफ्तार किया था. इसकी पूछताछ के बाद आरिफ भुजवाला का नाम सामने आया था, जिसे ढूंढने के लिए एनसीबी ने डोंगरी के नूर मंजिल बिल्डिंग में जहां आरिफ रहता है वहां छापा मारा. लेकिन वह खिड़की से निकलकर भागने में कामयाब हो गया.


एनसीबी को उस बिल्डिंग के चौथे मंजिल पर एक लैब मिली जहां पर आरिफ एमडी ड्रग्स बनाता था. एनसीबी ने वहां से 2 करोड़ 18 लाख कैश और 12 किलोग्राम एमडी ड्रग्स बरामद किया था. सोमवार की सुबह जांच के दौरान एनसीबी ने आरिफ को रायगढ़ जिले से लोकल पुलिस की मदद से धर दबोचा. पूछताछ करने पर आरिफ ने कैलाश राजपूत का नाम लिया जिसकी मदद से उसने ड्रग्स का पूरा साम्राज्य खड़ा किया.


एनसीबी ने शुरू किया ऑपरेशन ‘केआर’


एनसीबी को जांच के दौरान पता चला कि अंडरवर्ल्ड डॉन अनीस इब्राहिम का बेहद करीबी गुर्गा कैलाश राजपूत जो कि भारत का सबसे बड़ा ड्रग्स का सप्लायर है. वह आरिफ भुजवाला की मदद से मुंबई और अन्य इलाकों में ड्रग्स की खेप बेच रहा है. एजेंसियों की मानें तो कैलाश राजपूत पहले दुबई में था जिसके बाद वह जर्मनी गया और अब वह लंदन में छुपा हुआ है. एनसीबी की मानें तो कैलाश राजपूत की खासियत यह है कि वह सिर्फ केमिकल से बने ड्रग्स का व्यापार करता है. एनसीबी ने बताया कि उसकी गिरफ्तारी से भारत में सप्लाई होने वाले केमिकल से बने ड्रग्स को रोकने में बहुत बड़ी कामयाबी मिल सकती है. कैलाश राजपूत के पास दो पासपोर्ट हैं जिसमें एक भारत का है तो दूसरा दुबई का है. सूत्र बताते हैं कि कैलाश राजपूत दुबई के पासपोर्ट का इस्तेमाल कर एक देश से दूसरे देश यात्रा कर रहा है.


कितने मामले कैलाश राजपूत के खिलाफ हैं?


कैलाश राजपूत के खिलाफ डीआरआई, एंटी नारकोटिक्स सेल और दिल्ली पुलिस में कई मामले दर्ज हैं. साल 2013 में जब समीर वानखेड़े एयर इंटेलिजेंस यूनिट में थे तब कैलाश राजपूत को एफेड्रिन नाम के ड्रग्स के मामले में गिरफ्तार किया था हालांकि इस मामले में कैलाश राजपूत बरी हो गया था.


साल 2016 में दिल्ली स्पेशल सेल ने 8 लोगों को 25 करोड़ रुपये के ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया था उस समय गिरफ्तार आरोपी फैज़ान सुपारिवाला ने कैलाश राजपूत का नाम मास्टरमाइंड के तौर पर लिया था.


दिसंबर 2018 में मुंबई एंटी नारकोटिक्स सेल के अधिकारियों ने उस वक्त के डीसीपी शिवदीप लांडे की अगुवाई में मुंबई के वकोला इलाके से लगभग एक हजार करोड़ की कीमत की फेंटानील ड्रग्स की खेप पकड़ी थी. उस मामले में भी कैलाश राजपूत का नाम सामने आया था.


साल 2019 में जब समीर वानखेडे इंदौर की डीआरआई यूनिट में थे तब उन्होंने फेंटानील नामक ड्रग्स का मामला दर्ज किया था जिस केस में गिरफ्तार आरोपी ने कैलाश राजपूत का नाम लिया था.


सूत्रों की माने तो 2014 से ही कैलाश राजपूत फराक है और भारत से भाग निकलने में कामयाब होने के बाद वह दुबई में जाकर छुप गया जिसके बाद वह जर्मनी गया और अब लंदन में छुपा बैठा है. कैलाश राजपूत ड्रग्स का व्यापार भारत में ही नहीं बल्कि गल्फ और यूरोपियन देशों में करता है.


ड्रग्स रिंग का पूरा चार्ट


दाऊद इब्राहिम---अनीश इब्राहिम---कैलाश राजपूत--आरिफ भुजवाला और चिंकू पठान जिसको विकी जैन फायनांस करता है और राजू सोनावणे माल पहुचता है---ज़ाकिर हुसैन--डीजे राहुल वर्मा. वहीं सोनू पठान, फरहान पठान और जुनैद नेपाली फरार है.

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