नई दिल्ली: कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन (केएससीएफ) ने गुरुवार को केंद्र और सुप्रीम कोर्ट द्वारा बच्चों के खिलाफ अपराधों के संबंध में कानून को और अधीक सख्त करने के फैसले का स्वागत किया. बता दें कि राज्यसभा ने बुधवार को पोक्सो संशोधन विधेयक पारित कर दिया, जिसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी को परिभाषित करते हुए बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में मृत्यु दंड का भी प्रावधान किया गया है.


वहीं गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी एक अहम फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि केंद्र सरकार देश के हर जिले में विशेष पॉस्को कोर्ट बनाएगी, जहां 100 से ज्यादा पॉस्को मामले लंबित हैं. इन अदालतों के लिए फंड केंद्र सरकार देगी. सरकार 60 दिन में ये कोर्ट बनाएगी.


कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन (केएससीएफ) ने इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, '' POCSO अधिनियम (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) में संशोधन कर कानून को और अधीक सख्त बनाने और सुप्रीम कोर्ट के देश के हर जिले में विशेष पॉस्को कोर्ट बनाने के एतिहासिक फैसले का NGO ने स्वागत किया है.''


फाउंडेशन ने अपनी 2018 की रिपोर्ट 'बच्चें इंतजार नहीं कर सकते' का भी हवाला दिया जिसमें भारत में बाल यौन शोषण के मामलों में लंबित मुकदमों की स्थिति' का उल्लेख किया गया था. इस रिपोर्ट में उन्होंने पीड़ितों के लिए एक राष्ट्रीय बाल न्यायाधिकरण की स्थापना करने की सिफारिश की थी.


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