नई दिल्ली: नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के घर चोरी के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है. पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी समेत तीन आरोपियों को गिराफ्तार किया है. कैलाश सत्यार्थी के घर के अलावा उनके अरावली अप्पार्टमेंट के फ्लैट नंबर 56 और 99 में उसी रात इसने ही चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया था. पुलिस ने बताया कि नोबेल पुरस्कार की रेप्लिका समेत सभी सामान बरामद कर लिया गया है. सत्यार्थी का घर दक्षिणपूर्वी दिल्ली के कालकाजी इलाके में स्थित है.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राजन, सुनील और विनोद को गिरफ्तार किया गया है और चोरी की गई नोबेल की प्रतिकृति, प्रशस्तिपत्र और अन्य जेवरात बरामद कर लिए गए हैं. पुलिस ने कहा कि सत्यार्थी के आवास वाले इलाके के दो अन्य मकानों में भी सेंधमारी की गई थी. बीती सात फरवरी को सत्यार्थी की गैरमौजूदगी में, उनके आवास से नोबेल पुरस्कार की रेप्लिका और प्रशस्तिपत्र समेत कीमती सामान को चुरा लिया गया था.
सत्यार्थी को अपने घर हुई इस चोरी का पता उस समय चला, जब वह पनामा के राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और पनामा में भारतीय राजदूत समेत अन्य पदाधिकारियों के साथ रात्रिभोज कर रहे थे. बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाले सत्यार्थी को वर्ष 2014 में नोबल शांति पुरस्कार मिला था. उन्हें और पाकिस्तान की शिक्षा कार्यकर्ता मलाला यूसुफजेई को संयुक्त रूप से यह पुरस्कार दिया गया था.
सत्यार्थी ने जनवरी 2015 में अपना नोबेल शांति पुरस्कार का मेडल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सौंप दिया था. सत्यार्थी के कार्यालय ने कहा कि असली मेडल संरक्षित है और उसे राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय में प्रदर्शन के लिए लगाया गया है.
सत्यार्थी ने कल कहा कि वह अपने नोबेल प्रशस्तिपत्र और अपनी मां द्वारा उनकी पत्नी को दिए गए गहनों के चोरी हो जाने से दुखी हैं क्योंकि ये सब चीजें परिवार के लिए कीमती थीं. उन्होंने यह भी कहा कि इस चोरी ने बच्चों के लिए काम करना जारी रखने के उनके संकल्प को और अधिक मजबूत किया है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अतिरिक्त सुरक्षा लेने के बारे में नहीं सोचा है.