नई दिल्ली: इस साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. लेकिन सबसे ज्यादा जिस राज्य की चर्चा है वो पश्चिम बंगाल है. एबीपी न्यूज़ और सी-वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक, राज्य में बीजेपी को 37.5 फीसदी वोट मिल सकती है. वहीं सत्तारूढ़ टीएमसी को 43 फीसदी, कांग्रेस और लेफ्ट को 12 फीसदी तो अन्य के खाते में 7.5 फीसदी वोट शेयर जा सकते हैं. यानी बीजेपी को फायदा तो हो रहा है लेकिन राज्य में एक बार फिर से टीएमसी की सरकार बन सकती है. पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ओपिनियन पोल के आंकड़ें पर एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की.


बीजेपी को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है, इस सवाल के जवाब में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम पश्चिम बंगाल में धीरे-धीरे काम कर रहे हैं. पिछले छह सालों से यहां जमे हुए हैं. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि आज जो आंकड़े ममता बनर्जी की पार्टी के लिए दिखाए जा रहे हैं, नतीजों के दिन इससे ज्यादा नंबर बीजेपी के आएंगे.


हमारी भी टीम सर्वे कर रही है- विजयवर्गीय


कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, "अभी आज की तारीख में मेरे सर्वे के मुताबिक हम लगभग 170 सीटों पर हैं. मेरी भी टीम सर्वे कर रही है और हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं. आज ममता बनर्जी ने कहा कि वो नंदीग्राम से लड़ेंगी यानी भवानीपुर से उनके हारने की पूरी संभावना है. बिल्कुल उन्होंने साफ कर दिया कि वो हार मान रही हैं. उनकी जमीन हिल चुकी है."


ओपिनियन पोल में ममता बनर्जी लोकप्रियता के मामले में नंबर एक पर हैं. वहीं दूसरे नंबर पर बीजेपी के दिलीप घोष हैं. क्या दिलीप घोष बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं, इस पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, "हमने मुख्यमंत्री का कोई दावेदार रखा ही नहीं है. अगर दिलीष दा का नाम आ रहा है तो ये बहुत बड़ी बात है. जब भी किसी नए प्रदेश में बीजेपी चुनौती देती है तो उसका वहां पर मुख्यमंत्री का उम्मीदवार होता ही नहीं है. हमने उत्तर प्रदेश में कोई उम्मीदवार नहीं दिया था. हमने महाराष्ट्र में कोई उम्मीदवार नहीं दिया था. हरियाणा में भी हमने कोई उम्मीदवार नहीं दिया था. पार्टी जिसको तय करेगी वो मुख्यमंत्री बनेगा."


सौरव गांगुली को लेकर क्या बोले कैलाश विजयवर्गीय?


सौरव गांगुली के बारे में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि वे अभी राजनीति में नहीं हैं और हमने उन्हें ऑफर भी नहीं किया है. वो अगर बीजेपी में आएंगे तो हम स्वागत करेंगे. लेकिन ये नहीं कह सकता है कि वो मुख्यमंत्री के उम्मीदवार होंगे क्योंकि इसके बारे में प्रजातांत्रित तरीके से तय करेंगे.


बता दें कि ओपिनियन पोल के मुताबिक, 48 फीसदी लोगों का मानना है कि अगर सौरव गांगुली बीजेपी के सीएम उम्मीदवार हों तो पार्टी को फायदा होगा. हालांकि, 33 फीसदी लोगों का मानना है कि इससे बीजेपी को फायदा नहीं होगा. इस सवाल के जवाब में 19 फीसदी लोगों की कोई राय नहीं है.


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