नई दिल्ली: कांग्रेस ने बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पोहा खाने के तरीके वाले बयान पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय ने जो बयान दिया उससे ऐसा लगता है कि देश में लोग क्या खा रहे हैं उसपर भी उनकी नजर है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता इस तरह का अगर बयान कर सकते हैं तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर एनपीआर हुआ तो क्या होगा. दुख है बीजेपी की यही सोच है जिससे लोग डर रहे हैं. इन्हीं बयानों की वजह से लोगों का इनके ऊपर भरोसा नहीं होता है.
कैलाश विजयवर्गीय ने क्या कहा था?
दरअसल, कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि वो अपने घर पर काम करने वाले कुछ मजदूरों के पोहा खाने के तरीके से समझ गए कि वो बांग्लादेशी हैं. इस बयान को लेकर ट्विटर पर लोगों ने उन्हें ट्रोल भी किया. उन्होंने इंदौर में एक कार्यक्रम में कहा कि हाल ही में घर के एक कमरे में निर्माण कार्य चल रहा था. कुछ मजदूरों के खाना खाने का तरीका अजीब लगा. वे लोग केवल पोहा खा रहे थे. बाद में सुपरवाइजर से बात की और उनके बांग्लादेशी होने को लेकर अपना शक जाहिर किया. इसके दो दिन बाद से मजदूर काम पर आए ही नहीं.
कैलाश वियवर्गीय ने कहा, ''मैंने मजदूरों से पूछा कि कहां से हो तो वे बता नहीं पाए, क्योंकि उन्हें हिंदी नहीं आती थी. बाद में मैंने ठेकेदार के कर्मचारी से पूछा कि मजदूर कहां के थे तो उसने बताया कि बंगाल के. मैंने बंगाल में जिले का नाम पूछा तो वे कुछ नहीं बता पाए. अगले दिन ठेकेदार से पूछा कि मजदूर कहां के रहने वाले हैं तो उसने कहा कि शायद दूसरे देश के हैं. मैंने उससे पूछा कि तुम उन्हें मेरे यहां क्यों लाए तो ठेकेदार ने कहा कि वे पैसे कम लेते हैं. सुबह नौ से रात नौ बजे तक काम करते हैं.''
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इसको लेकर उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई लेकिन इसका जिक्र इसलिए किया क्योंकि ये सब देश के आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है. इसपर कांग्रेस नेता सुष्मिता देव ने कहा कि बीजेपी नेताओं के ऐसे बयान के चलते ही एनपीआर और एनआरसी को जोड़कर देखा जा रहा है.