कोलकाता: नेताजी की जयंती के कार्यक्रम में भाषण से पहले जय श्री राम के नारे से ममता बनर्जी नाराज हो गईं. ममता ने पूरा भाषण देने से इनकार कर दिया. बीजेपी ने ममता पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है. बीजेपी का कहना है कि टीएमसी राम के नाम पर राजनीति कर रही है. बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि जय श्री राम के नारे से किसी का अपमान कैसे हो सकता है?
एबीपी न्यूज से बातचीत में बंगाल प्रभारी विजयवर्गीय ने कहा, "कार्यक्रम में लोग अलग-अलग तरह नारे लग रहे थे. किसी ने 'जय हिंद' कहा, किसी ने 'वंदे मातरम' कहा, 'जय श्री राम' की आवाज भी आई. मुझे समझ नहीं आया कि प्रधानमंत्री के सामने ही नारों से आपत्ति क्यों हुई. हमारे पर्यटक मंत्री पहलाद पटेल के सामने भी नारे लगे, उन्हें तो कोई आपत्ति नहीं हुई. ममता जी को क्यों आपत्ति हुई."
विजयवर्गीय ने आगे कहा, "ममता जी का पहले ही एजेंडा था. उन्होंने मंच का दुरुपयोग करते हुए 30 फीसदी लोगों को खुश करने के लिए ऐसा किया. राज्य में सरकारी कार्यक्रम में इस तरह का एजेंडा सेट करना उनकी गरिमा को शोभा नहीं देता. भारत में लोग 'राम-राम' बोलकर एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं. श्रीराम का नाम लेने को किसी को आपत्ति नहीं होना चाहिए.
"जनता ममता जी की इस मानसिकता से अपमानित"
ममता बनर्जी के मंच पर नाराज होने पर यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा, "ममता बनर्जी को अब राम नाम से भी अपमान महसूस होता है. श्री राम जी हमारी संस्कृति की आत्मा हैं. अगर ममता जी जय श्री राम, भारत माता की जय और वंदे मातरम सुनकर इतना अपमानित महसूस कर रही हैं तो वहां की जनता ममता जी की इस मानसिकता से कितना अपमानित महसूस कर रही होगी. इसका जवाब बंगाल की जनता ममता जी को देगी."
इसके अलावा कल भी कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर ममता बनर्जी को निशाने पर लिया था और कहा था कि ये कैसी राजनीति है जहां श्री राम के नारे से स्वागत को वो अपमान मानती हैं.
वहीं टीएमसी लीडर सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि नेताजी की जयंती मनाने के लिए केंद्र सरकार को ममता सरकार से बातचीत करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं के पार्टी छोड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. ओवैसी उर्दू बिरयानी हैं, बंगाल में उनकी एक नहीं चलेगी. जब तक ममता जिंदा है, बीजेपी के लिए बंगाल सपना है.
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