(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कैराना में हार के बाद बीजेपी में हड़कंप, दो विधायकों ने योगी राज को ठहराया जिम्मेदार
बीजेपी ने साल 2014 के आम चुनावों में 282 सीटों के साथ अपने बूते पूर्ण बहुमत जीता था, लेकिन पिछले चार सालों में अब तक हुए उपचुनावों में पार्टी नौ सीट हार चुकी है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को विपक्ष के हाथों बड़ी हार झेलनी पड़ी है. इस सीट पर विपक्ष से उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने बीजेपी उम्मीदवार मृगांका सिंह को हरा दिया. बीजेपी की इस हार के बाद विपक्ष जश्न मना रहा है, लेकिन बीजेपी में हड़कंप मचा हुआ है. कैराना की हार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यानथ की हार के तौर पर देखा जा रहा है. उपचुनाव में हार के बाद बीजेपी विधायक श्यामप्रकाश और सुरेंद्र सिंह ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
गोपामऊ से विधायक श्यामप्रकाश ने कविता लिखकर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट तो मिले हैं, लेकिन जनता का काम नहीं किया. विधायक श्यामप्रकाश ने कहा कि पहले गोरखपुर फिर फूलपुर और अब नूरपुर में बीजेपी की हार का उन्हें दुख है.
श्यामप्रकाश ने लिखी ये कविता
मोदी नाम से पा गए राज।
कर न सके जनता मन काज।।
संघ,संगठन हाथ लगाम।
मुख्यमंत्री भी असहाय।।
जनता और विधायक त्रस्त।
अधिकारी,अध्यक्ष भी भ्रष्ट।।
उतर गई पटरी से रेल।
फेल हुआ, अधिकारी राज।।
समझदार को है ये इशारा।
आगे है अधिकार तुम्हारा।।
बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने भी उठाए सरकार पर सवाल
सिर्फ विधायक श्यामप्रकाश ने ही नहीं बल्कि बलिया में बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने भी उपचुनाव में बीजेपी की हार पर सवाल उठाए हैं. सुरेंद्र सिंह ने कहा है कि इस हार के पीछे शुद्ध रूप से कर्मचारियों और अधिकारियों में फैले भ्रष्टाचार और समाज को परेशान करने की नीय़त है.
पीएम के करीबी ज़फर सरेशवाला ने भी उठाए सवाल
उपचुनावों में बीजेपी की हार के बाद पीएम मोदी के करीबी समर्थक ज़फर सरेशवाला ने बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव और कैराना की निर्वाचित सांसद तबस्सुम हसन को बधाई दी है और विपक्ष की एकजुटता की तारीफ की है. जफर सरेशवाला इतना तक कह गए कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और बांटने की राजनीति अब काम नहीं करेगी.
ज़फर सरेशवाला ने ट्वीट कर लिखा, ‘’विभाजनकारी राजनीति काम नहीं करेगी. कैराना जैसे सांप्रदायिक तनाव वाले क्षेत्र से तबस्सुम हसन का बड़े अंतर से जीतना सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के सिद्धांत को नकारता है. यह समझना चाहिए कि विभाजनकारी राजनीति काम नहीं करेगी.''
Winning of #TabassumHasan in an erstwhile communally surcharged constituency of #KairanaByPoll with a huge margin decimates the theory of communal polarisation once and for all! All and sundry should understand divisive politics will not work #ByPoll2018
— zafar sareshwala (@zafarsareshwala) May 31, 2018
कैराना में बीजेपी की बड़ी हार
बता दें कि कैराना लोकसभा उपचुनाव में अजीत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल से उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने बीजेपी उम्मीदवार मृगांका सिंह को हराकर जबरदस्त जीत हासिल की. इस उपचुनाव में आरएलडी को समाजवादी पार्टी, मायावती की बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने समर्थन दिया था. बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के फरवरी में निधन के कारण कैराना सीट पर उपचुनाव हुए थे.
नूरपुर विधानसभा सीट भी नहीं बचा पाई बीजेपी
वहीं, नूरपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नईमुल हसन ने बीजेपी के उम्मीदवार अवनि सिंह को करीब 6 हजार वोटों से हरा दिया है. ये सीट पहले बीजेपी के पास थी. इस सीट पर हार के बाद बीजेपी के लिए ये बड़ा झटका माना जा रहा है. नूरपुर में बीजेपी विधायक लोकेन्द्र सिंह चौहान की सडक दुर्घटना में मौत के कारण उपचुनाव हुए थे.
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