West Bengal: खुदकुशी या रेप-मर्डर? बंगाल में 17 साल की नाबालिग की हत्या मामले में परिजनों को CBI जांच की उम्मीद
Kaliaganj Violence: नाबालिग आदिवासी लड़की की मौत मामले को लेकर लोगों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, पढ़ें क्या कुछ कहा...
Kaliaganj Girl’s Death: पश्चिम बंगाल के कालियागंज में एक नाबालिग आदिवासी लड़की की मौत मामले को लेकर लोगों में भारी गुस्सा देखने को मिल रहा है. 20 अप्रैल को 17 साल की लड़की का शव नहर में मिला था जिसके बाद पुलिस ने बयान में कहा कि उसके शरीर पर किसी तरह की बाहरी चोट नहीं है. वहीं, स्थानीय लोगों का आरोप है कि नाबालिग के साथ बलात्कार हुआ है और उसकी हत्या कर दी गई है.
मामले को लेकर लोगों में इस कदर गुस्सा बरपाया हुआ है कि नाबालिक की मौत को एक हफ्ते का वक्त हो गया लेकिन अब तक उसका अंतिम संस्कार नहीं किया गया है. लड़की का शव बरामद होने के बाद से स्थानीय लोगों की पुलिस से कई बार झड़प हुई है जिस कारण धारा 144 लागू की गई है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट का निशान नहीं लेकिन... - पुलिस
वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को उत्तर बंगाल में 12 घंटे के बंद बुलाया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजबंशी समुदाय की 17 साल की लड़की ट्यूशन पढ़ने के लिए घर से निकली थी जिसके बाद वो लापता हो गई. एक दिन बाद उसका शव नहर में तैरता हुआ मिला था. घटना पर पुलिस अधीक्षक (एसपी) एमडी सना अख्तर ने कहा कि शुरुआती पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं मिला है. हालांकि, शव के पास जहर की एक बोतल मिली थी.
प्रेम प्रसंग के चलते लड़की ने... - सीएम ममता बनर्जी
इस मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि प्रेम प्रसंग के कारण नाबालिग की मौत हुई और डॉक्टरों ने जहर खाने से उसकी मौत की पुष्टि की है. हालांकि, स्थानीय लोगों इस बात को नहीं स्वीकार रहे और दावा कर कह रहे है कि नाबालिग का रेप कर उसकी हत्या की गई है. लोगों ने कहा, पुलिस लड़की के घर परिजनों का लिखित बयान लेने भी नहीं गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस मामले को आत्महत्या बताने में लगी है.
मृतका के परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार करते हुए नाबालिग के शव को कलियागंज स्थित घर के पास दफना कर दिया है. रूबी रॉय ने कहा कि परिवार उम्मीद कर रहा है कि सीबीआई टीम उसकी मौत के कारणों की जांच करेगी.
वहीं, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने मौत की जांच में राज्य पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है. कानूनगो बोलीं, "मौत की जांच में रायगंज पुलिस की ओर से गंभीर चूक हुई है. मुझे डर है कि पुलिस की ढिलाई के चलते सबूतों से छेड़छाड़ की जा सकती है. मेरा मानना है कि ममता बनर्जी सरकार दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है."
यह भी पढ़ें.