Kalindi Express News: कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश के पीछे आतंकी संगठन आईएस के खुरासान माड्यूल पर जांच एजेंसियों को शक गहराता जा रहा है. इसी वजह से आईबी, एनआईए, यूपी एटीएस समेत कई एजेंसियों ने कानपुर में डेरा डाल दिया है और साजिश से जुड़े हर पहलू की गहनता से जांच की जा रही है. फिलहाल एजेंसियों को कोई अहम सुराग नहीं मिला है, लेकिन माना जा रहा है कि यह रेलवे पर लोन वुल्फ अटैक की कोशिश है.


बीते दिनों मिला था अलर्ट


सूत्रों के मुताबिक बीते दिनों जांच एजेंसियों को इस बाबत एक अलर्ट भी मिला था, जिसमें देश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और रेलवे को निशाना बनाए जाने की चेतावनी दी गई थी. कानपुर में बीते एक माह में रेलवे ट्रैक को क्षतिग्रस्त करके ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश सामने आने के बाद खुरासान मॉड्यूल शक के दायरे में है. इस माड्यूल ने वर्ष 2017 में भोपाल रेलवे स्टेशन पर पैंसेजर ट्रेन में टाइम बम रखा था, जिसमें विस्फोट होने से कई यात्री घायल हो गए थे.


इसके बाद तेलंगाना एटीएस की खुफिया जानकारी पर यूपी एटीएस ने लखनऊ में माड्यूल के सदस्य सैफुल्ला को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. उसके पास सिलेंडर बम बनाने का सामान और आईईडी आदि मिला था. वहीं वर्ष 2017 में कानपुर देहात के पुखराया में भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस पर भी इसी तरह निशाना बनाया गया था. इसकी जांच एनआईए को दी गयी थी. इसमें आईईडी का इस्तेमाल करने के सुराग मिले थे. इसके तार बिहार के मोतिहारी में हुए रेल हादसे के आरोपियों से जुड़े थे. साथ ही, दुबई में कारोबार करने वाले नेपाल के शमशुल हुदा का नाम सामने आया था, जो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर काम कर रहा था.


लोन वुल्फ अटैक का शक


बीते दिनों में रेलवे को निशाना बनाने के कई मामले सामने आने के बाद इसमें आतंकी संगठनों की भूमिका को नकारा नहीं जा रहा है. अधिकारियों के मुताबिक आईएस और आईएसआई के इशारे पर ट्रेनों पर लोन वुल्फ अटैक किया जा रहा है. इसमें कट्टरपंथियों के साथ पैसा लेकर घटना को अंजाम देने वाले भी शामिल हो सकते हैं.


ये भी पढ़ें : रेणुकास्वामी हत्या मामले में कोर्ट ने दर्शन और अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत 12 सितंबर तक बढ़ाई