'वो कोई स्वतंत्रता सेनानी नहीं', जहरीली शराब से मरने वालों को 10 लाख मुआवजे के खिलाफ मद्रास HC में याचिका
मद्रास हाईकोर्ट में तमिलनाडु के कल्लाकुरिची शराब त्रासदी के पीडि़तों को मुआवजा दिए जाने के खिलाफ याचिका दायर की गई है. याचिका में तमिलनाडु सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की गई है.
Kallakurichi Hooch Tragedy: तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में हाल में ही जहरीली शराब पीने करीब 65 लोगों की मौत हो गई थी. इस त्रासदी के बाद पूरे राज्य में हाहाकार मच गया था. राज्य सरकार की ओर से सभी पीड़ितों को मुआवजे के तौर पर 10 लाख रुपये देने के आदेश दिया गया था.
इसी बीच पीड़ितों को मुआवजे के तौर पर 10 लाख रुपये देने के आदेश को रद्द करने करने के लिए मद्रास उच्च न्यायलय में याचिका दायर की गई है. मोहम्मद गौस की तरफ से यह जनहित याचिका दायर की गई है.
दो सप्ताह के लिए सुनवाई हुई स्थगित
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आर महादेवन और न्यायमूर्ति मोहम्मद शफीक की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा कि मुआवजे की राशि ज्यादा है. इस मामले की सुनुवाई को उन्होंने दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी.
कोर्ट ने दायर की गई याचिका में कहा गया है कि पीड़ित कोई स्वतंत्रता सेनानी या सामाजिक कार्यकर्ता नहीं थे, जिन्होंने जनता या समाज के लिए जान गंवाई है. उन्होंने नकली शराब पीकर गैरकानूनी काम किया था.
'नहीं दिखानी चाहिए दया'
मोहम्मद गौस की तरफ दाखिल की गई याचिका में कहा गया है, 'अवैध शराब पीना गैरकानूनी है. राज्य सरकार को उन लोगों को पर दया नहीं दिखानी चाहिए, जिन्होंने अवैध शराब पी और गैरकानूनी काम किया है. ' याचिका में आगे कहा गया है कि दुर्घटना के पीड़ितों को ही क्षतिपूर्ति मिलनी चाहिए. इसे उन लोगों को नहीं देना चाहिए, जिन्होंने अपने खुशी के लिए कोई अवैध कार्य किया हो. याचिका में कहा गया कि शराब त्रासदी के सभी पीड़ितों को मुआवजा देने का आदेश अनुचित और मनमाना है.