इंदौर: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को मीडिया को भरोसा दिलाया कि वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक की संदिग्ध आत्महत्या के मामले की उचित जांच कराई जायेगी. इस बीच खुलासा हुआ है कि दैनिक भास्कर के 55 वर्षीय समूह सम्पादक ने अपनी मौत से कुछ ही दिन पहले पुलिस के एक आला अधिकारी से मिलकर उन्हें बताया था कि एक महिला पत्रकार उन्हें झूठे मामले में फंसाने की धमकी दे रही है.


स्थानीय पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से की थी जांच की मांग


स्थानीय पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से यहां रेसीडेंसी कोठी में मुलाकात की और याग्निक की मौत के मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की. पत्रकारों की बात सुनने के बाद शिवराज ने याग्निक की मौत पर गहरा अफसोस जताते हुए कहा, 'हम इस मामले की निश्चित तौर पर उचित जांच करायेंगे' मुख्यमंत्री ने याग्निक के घर पहुंचकर उनके शोकसंतप्त परिजनों से मुलाकात भी की और वरिष्ठ पत्रकार के निधन पर संवेदना व्यक्त की.


12 जुलाई की रात छलांग लगाकर पत्रकार कल्पेश याग्निक ने की थी आत्महत्या


पुलिस को शुरूआती जांच के बाद संदेह है कि याग्निक ने शहर के एबी रोड स्थित दैनिक भास्कर की तीन मंजिला इमारत की छत से 12 जुलाई की रात छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी. उनके शव की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उनकी कई हड्डियां टूटी हुई थीं.


याग्निक ने एडीजी से की थी महिला पत्रकार के खिलाफ शिकायत


इस बीच, इंदौर रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अजय कुमार शर्मा ने पुष्टि की कि याग्निक अपने छोटे भाई के साथ करीब 10-12 दिन पहले उनसे मिलने आये थे. उन्होंने कहा कि इस मुलाकात के दौरान याग्निक ने उन्हें बताया था कि उनके अखबार की नौकरी से निकाली गयी एक महिला पत्रकार बहाली के लिये उन पर कथित रूप से दबाव बना रही है. इसके साथ ही, उन्हें कथित तौर पर धमका रही है कि अगर वह उसे दोबारा नौकरी पर नहीं रखवायेंगे, तो वह उन्हें किसी झूठे मामले में फंसा देगी.


संबंधित महिला पत्रकार के खिलाफ किसी कानूनी कार्रवाई की मांग से किया था इंकार


एडीजी ने महिला पत्रकार के नाम का खुलासा किए बगैर बताया, 'याग्निक ने हमसे अनुरोध किया था कि अगर वह महिला पत्रकार पुलिस को उनके खिलाफ कोई शिकायत करती है, तो इस शिकायत पर किसी तरह का कानूनी कदम उठाये जाने से पहले एक बार उनका पक्ष भी सुना जाये.' उन्होंने बताया कि याग्निक ने अपने इस अनुरोध को लेकर उन्हें एक औपचारिक आवेदन पत्र भी सौंपा था. 'लेकिन उन्होंने संबंधित महिला पत्रकार के खिलाफ किसी कानूनी कार्रवाई की मांग पुलिस से नहीं की थी.' शर्मा ने बताया कि उन्होंने याग्निक के आवेदन को शहर के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) को भेज दिया था.


याग्निक की मौत के मामले में हम जल्दबाजी में किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहते -एडीजी 


उन्होंने बताया, "संदिग्ध हालात में याग्निक की मौत के मद्देनजर हमने इस आवेदन को केस डायरी में शामिल कर लिया है. हम जांच कर रहे हैं कि कहीं इस पत्र की इबारत का याग्निक की मौत से कोई संबंध तो नहीं है." एडीजी ने कहा, "याग्निक की मौत के मामले में हम जल्दबाजी में किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहते. हम सभी पहलुओं पर जांच कर रहे हैं. मामले से जुड़े सभी लोगों से पूछताछ की जायेगी."


पुलिस को  नहीं मिला कोई सुसाइड नोट 


उन्होंने याग्निक की हत्या के संदेह को खारिज करते हुए कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और शुरूआती जांच के बाद पहली नजर में यही लगता है कि उन्होंने मीडिया संस्थान की छत से कथित तौर पर छलांग लगा कर जान दे दी थी. हालांकि, पुलिस को अब तक उनकी ओर से छोड़ा गया कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. एडीजी ने बताया, "हम इस पहलू पर भी जांच कर रहे हैं कि कहीं याग्निक इमारत से दुर्घटनावश तो नहीं गिर गये थे.''