Kamakhya Temple Sacrifice: बलि के लिए काटा महिला का सिर, जानें कैसे 4 साल बाद पकड़ में आया आरोपी
Kamakhya Temple Sacrifice: असम के कामाख्या मंदिर में अंबुबाची मेले के दौरान तांत्रिकों ने बलि के नाम पर एक महिला का सिर कलम कर दिया था. चार साल बाद अब पुलिस ने मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है.
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Kamakhya Temple Sacrifice: असम के कामाख्या मंदिर में अंबुबाची मेले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. चार साल पहले मानव बलि के लिए एक महिला का कथित तौर पर सिर कलम करने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया. इन आरोपियों में से दो व्यक्ति मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के हैं. गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंत बोरा ने घटना की जानकारी देते हुए कहा कि 19 जून 2019 को कामाख्या मंदिर के प्रांगण में जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ी पर 64 वर्षीय एक महिला का सिर कटा शव कंबल से ढका मिला था.
शहर के जलुकबाड़ी थाने में मामले पर संज्ञान लेकर केस दर्ज किया गया और जांच शुरू कर दी गई, लेकिन शुरुआत में कोई सुराग नहीं मिलने के कारण इसमें देरी हुई. महिला पश्चिम बंगाल से एक साधु और दो अन्य महिलाओं के साथ वार्षिक अंबुबाची मेले में शामिल होने आई थी. तब से लापता थी. कामाख्या मंदिर एक शक्ति पीठ है और तंत्र-मंत्र की क्रियाओं के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित केंद्रों में से एक है. मंदिर में हर साल अंबुबाची मेला लगता है.
कपड़ों और टैटू से बेटे ने मां को पहचाना
शव की पहचान एक महीने बाद उसके बेटे ने की थी, जो बंगाल के हुगली जिले का निवासी था. मीडिया की खबरों के जरिए शव मिलने की खबर के बाद वह जलुकबाड़ी थाने गया, वहां शरीर पर कपड़ों और टैटू से अपनी मां की पहचान की. पुलिस आयुक्त ने बताया कि मामले की हाल ही में समीक्षा की गई थी और आगे की जांच के लिए इसे असम पुलिस की एक विशेष टीम को सौंपा गया था. विशेष टीम ने पहले इकट्ठे किए गए तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण किया और उनके आधार पर पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में जाकर एक व्यक्ति के घर से पीड़िता का मोबाइल, कपड़े और आधार कार्ड बरामद किया.
देवी काली का प्रसाद के लिए किया सिर कलम
पूछताछ करने पर व्यक्ति ने कहा कि इन वस्तुओं से भरा थैला कथित तौर पर माता प्रसाद पाण्डेय नाम का एक साधु उसके घर में छोड़ गया था, जो जून और जुलाई के महीनों के दौरान कई सालों से क्षेत्र का दौरा करता था. पुलिस आयुक्त ने आगे बताया कि आगे की जांच में इस साल 25 मार्च को मध्य प्रदेश के जबलपुर से पांडे उर्फ मातेश्वरी गिरि को गिरफ्तार किया गया. अंबुबाची मेले से कुछ दिन पहले देवी काली को प्रसाद के रूप में चढ़ाने के लिए महिला का सिर कलम करने के आरोप में उससे पूछताछ की गई और यहां भूतनाथ श्मशान घाट से तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया.
नागा साधु के लिए पूजा आयोजित
महिला और चार पुरुषों ने 2019 में 18-19 जून की दरमियानी रात पहले कपाली पूजा की थी, जहां सभी ने शराब का सेवन किया था. इसके बाद वे जॉय दुर्गा मंदिर गए, जहां पूजा की एक रस्म के बाद महिला का कुल्हाड़ी से सिर काट दिया गया. इसके बाद पीड़िता के सिर को पुरुषों ने एक पैकेट में भर लिया और ब्रह्मपुत्र नदी में फेंक दिया. बोरा ने बताया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि पूजा को प्रदीप पाठक उर्फ दिनेश नाम के एक व्यक्ति ने अपने छोटे भाई के लिए प्रायोजित किया था, जो एक नागा साधु था और उसी दिन 11 साल पहले उसकी मृत्यु हो गई थी. पाठक को बाद में एक अप्रैल, 2023 को मथुरा में उसके आवास से गिरफ्तार किया गया. वहीं एक अन्य साधु जो कथित तौर पर उसके साथ असम गया था जो अभी फरार है और उसे पकड़ने के लिए तलाश जारी है.
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