कृषि संबंधी नए बिलों के लेकर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. किसान नए कृषि कानून वापस लेने की अपनी जिद पर अड़े हुए हैं. ऐसे में इन प्रदर्शनों के बीच अलग-अलग दलों के नेताओं की तरफ से भी इस पर प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं. फिल्मी दुनिया से राजनीति में आए मक्कल निधि मैय्म के अध्यक्ष कमल हासन ने कहा कि सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए. तमिलनाडु में चक्रवाती तूफान निवार को लेकर राज्य सरकार की सहायता के बारे में पूछे जाने पर कमल हासन ने कहा, “हम मुख्यमंत्री के कार्य से संतुष्ट नहीं हैं. ”
गौरतलब है कि दिल्ली में किसानों के 35 संगठनों के नेताओं के साथ सरकार की बातचीत चल रही है. बैठक में अलग अलग किसान संगठनों के नेता हिस्सा ले रहे हैं. सरकार की ओर से तीन केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सोमप्रकाश शामिल हैं.
इधर, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने किसान आंदोलन पर टिप्पणी कर दी. जिसके बाद भारत सरकार और शिवसेना ने प्रतिक्रिया जाहिर की है. शिवसेना ने इसे आंतरिक मामला करार दिया. भारत ने कनाडा के पीएम कि किसानों की टिप्पणी को 'भ्रामक सूचनाओं' पर आधारित और ‘अनुचित’ बताया.
भारत ने कहा, ''बेहतर होगा कि कूटनीतिक बातचीत राजनीतिक उद्देश्यों के लिए गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं की जाये.'' दरअसल, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने किसानों के प्रदर्शन के मुद्दे पर कहा है कि उनका देश शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के अधिकार का हमेशा बचाव करेगा. गुरु नानक देव की 551वीं जयंती के मौके पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान कनाडा में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए ट्रूडो ने कहा कि यदि वह ‘‘ किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन के बारे में भारत से आने वाली खबरों’’ को नजरअंदाज करते हैं तो वह कुछ चूक करेंगे.
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