कोरोना वायरस के चलते कमलनाथ सरकार को मिली मोहलत, विधानसभा की कार्रवाही 26 मार्च तक टली
सदन की कार्रवाही के दौरान बीजेपी के विधायक लगातार कमलनाथ सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा ना होने की बात कहकर शक्ति परीक्षण कराने की मांग करते रहे.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्रवाही फिलहाल 26 मार्च के लिए टल गई. स्पीकर ने एलान किया कि कोरोना वायरस के चलते विधानसभा की कार्रवाही को 26 मार्च के लिए टाला जा रहा है. हालांकि विपक्षी दल बीजेपी का कहना है कि क्योंकि कमलाथ सरकार के पास बहुमत के लिए ज़रूरी आंकड़ा नहीं है इस वजह से स्पीकर की मदद से विधानसभा की कार्रवाही टलवा दी गई. इस दौरान सदन में बीजेपी और कांग्रेस के विधायकों के बीच जबरदस्त नारेबाजी भी हुई और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला.
बीजेपी ने की थी आज ही शक्ति परीक्षण करवाने की मांग
सदन की कार्रवाही के दौरान बीजेपी के विधायक लगातार कमलनाथ सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा ना होने की बात कहकर शक्ति परीक्षण कराने की मांग करते रहे. इसी दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस बात पर जोर दिया कि राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सबसे पहला काम शक्ति परीक्षण का होना चाहिए जैसा कि राज्यपाल ने विधानसभा स्पीकर को निर्देश दिया था. शिवराज सिंह चौहान के साथ बीजेपी के अन्य नेताओं जिसमें गोपाल भार्गव और नरोत्तम मिश्रा भी शामिल थे.
कोरोना पर केंद्र के निर्देश का जिक्र करें स्पीकर ने टाली कार्रवाही
हालांकि स्पीकर ने साफ कर दिया कि जिस तरीके से कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार ने निर्देश जारी किए हैं उसी का पालन करते हुए फिलहाल एक जगह पर ज्यादा लोगों को जुटना ठीक नहीं है और इस वजह से विधानसभा की कार्रवाही को 26 मार्च तक के लिए टाला जा रहा है.
राज्यपाल ने सदन को दी संविधान का पालन करने की सलाह
इससे पहले जब राज्यपाल ने अभिभाषण सदन के सामने पढ़ा तो वह अभिभाषण भी पूरा नहीं हुआ. राज्यपाल ने आखिरी की कुछ पंक्तियां पढ़ने से पहले ही स्पीकर से कहा कि मुझे और भी कुछ कहना है और इतना कहने के बाद राज्यपाल लालजी टंडन ने सदन से कहा कि फिलहाल प्रदेश में जिस तरह का माहौल बना हुआ है जरूरी यह है कि संविधान और नियम के हिसाब से कार्रवाही की जानी चाहिए. इतना कहने के बाद राज्यपाल ने सदन से विदाई ली.
राज्यपाल का अभिभाषण भी नहीं हुआ पूरा, कांग्रेस बोली राज्यपाल की तबीयत खराब कांग्रेस नेताओं का कहना था कि राज्यपाल का स्वास्थ्य ठीक नहीं था इस वजह से उन्होंने पूरा अभिभाषण नहीं पढ़ा. लेकिन राजनैतिक जानकार इसको राज्यपाल की नाराजगी के तौर पर भी देख रहे हैं. वजह मानी जा रही है कि राज्यपाल ने विधानसभा के स्पीकर से कहा था कि वह 16 मार्च को यानी कि बजट सत्र के पहले दिन ही शक्ति परीक्षण करवाएं लेकिन विधानसभा स्पीकर ने शक्ति परीक्षण करवाने से मना कर दिया.
कार्रवाही स्थगित होने के बाद कांग्रेस के विधायकों ने की नारेबाजी
जैसे ही विधानसभा की कार्रवाही 26 मार्च के लिए टाली गई सदन में मौजूद कांग्रेसी विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी. कांग्रेसी विधायक लगातार वंदे मातरम के नारे लगा रहे थे इसके साथ ही इंकलाब जिंदाबाद के नारे भी विधानसभा में गूंजने लगे. वैसे तो शिवराज सिंह चौहान समेत बीजेपी के सभी विधायक वहीं मौजूद थे लेकिन सदन की कार्रवाही 26 मार्च तक स्थगित होने के के बाद भी बीजेपी के सभी विधायक सदन में ही काफी देर तक मौजूद रहे और इसी दौरान आगे की रणनीति पर चर्चा भी शुरू हो गई.