नई दिल्ली: बीजेपी की महिला उम्मीदवार इमरती देवी के खिलाफ किए गए आपत्तिजनक बयान को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेजे नोटिस का जवाब देते हुए कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने कुछ भी आपत्तिजनक नहीं कहा, ना ही उनका मकसद किसी की छवि को नुकसान पहुंचाने का था.


चुनाव आयोग को भेजे गए जवाब में कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी की तरफ से जो शिकायत की गई है वह सिर्फ राजनीति से प्रेरित है वरना उनके बयान में ऐसा कुछ भी नहीं था जो आपत्तिजनक हो. कमलनाथ ने कहा कि अगर चुनाव आयोग उनके 18 अक्टूबर को दिए गए बयान को पूरा सुनेगा तो उसमें कहीं कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लगेगा.


जवाब में कमलनाथ ने कहा कि मेरा इरादा कभी भी किसी महिला के अपमान का बिल्कुल नहीं था. इतना ही नहीं मैंने उस बयान के अगले ही दिन अपने बयान पर खेद भी जताया था. कमलनाथ ने चुनाव आयोग को भेजे गए जवाब में शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना काल में पिछले 3 महीनों के दौरान शिवराज सरकार के मंत्री और नेता लगातार कोरोना की रोकथाम को लेकर जारी किए दिशानिर्देशों का रैलियों और जनसभाओं के माध्यम से उल्लंघन करते रहे  हैं. लेकिन चुनाव आयोग का ध्यान उस ओर नहीं गया, एक मामला वह भी सिर्फ मेरे यानी कमलनाथ के खिलाफ दर्ज हुआ. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी सरकार के एक मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज जरूर हुआ लेकिन उसके बावजूद चुनाव आयोग शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत अन्य नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के मामले में मूकदर्शक बना रहा.


कमलनाथ ने कहा कि पिछले 40 साल के राजनीतिक जीवन में मैंने कभी भी किसी महिला का अपमान नहीं किया. मैं सांसद , मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री पद तक पर रहा हूं लेकिन कभी भी किसी महिला का अपमान नहीं किया. लिहाज़ा चुनाव आयोग मेरे खिलाफ दी की गई शिकायतों को रद्द करें.


कमलनाथ का यह जवाब चुनाव आयोग तक पहुंच गया है और अब चुनाव आयोग को तय करना है कि क्या वह कमलनाथ के जवाब से संतुष्ट है या नहीं? अगर चुनाव आयोग जवाब से संतुष्ट नहीं होता तो कमलनाथ के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश भी दे सकता.


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