इंदौर: मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनावों का प्रचार अंतिम दौर में पहुंचने के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का स्टार प्रचारक दर्जा रद्द किए जाने के निर्वाचन आयोग के फैसले को कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने शनिवार को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. उन्होंने हालांकि दावा किया कि इस कदम का असर 10 नवम्बर को नजर आएगा, जब सूबे की 28 विधानसभा सीटों के लिए तीन नवम्बर को होने वाले उप चुनावों में पड़े वोट गिने जाएंगे.


कमलनाथ का स्टार प्रचारक दर्जा रद्द किए जाने के निर्वाचन आयोग के फैसले को लेकर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर वासनिक ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'यह फैसला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. लेकिन अब कमलनाथ की आवाज और दूर तक अपेक्षाकृत ज्यादा असरदार तरीके से लोगों के दिलो-दिमाग तक पहुंचेगी. इसका असर अगली 10 तारीख को दिखेगा.' वासनिक, कांग्रेस संगठन में मध्यप्रदेश के प्रभारी महासचिव हैं. वह उपचुनावों के सिलसिले में राज्य के दौरे पर हैं.


उन्होंने इन उपचुनावों को लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई बताते हुए राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही कांग्रेस के उन 22 बागी विधायकों पर इशारों में हमला बोला जिनके मार्च में इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने से कमलनाथ सरकार को महज 15 महीने के कार्यकाल के बाद सत्ता से रुखसत होना पड़ा था.


वासनिक ने किसी भी नेता का नाम लिए बगैर कहा, 'अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए बेहद परेशान कुछ लोगों ने जनादेश के खिलाफ कदम उठाते हुए कांग्रेस के साथ ही सूबे की जनता से भी गद्दारी की. ये लोग खुद को तत्कालीन कांग्रेस सरकार में शीर्ष पदों पर पहुंचते देखना चाहते थे.'


उन्होंने एक सवाल पर भाजपा के खिलाफ निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने सरदार वल्लभभाई पटेल की राजनीति, नैतिक मूल्यों और विचारों पर कभी विश्वास नहीं रखा, वे आज स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री की विरासत की बातें करने लग गए हैं.


वासनिक ने सरदार पटेल की 145वीं जयंती पर कहा, 'पटेल ने अंग्रेजी राज से आजादी के बाद भारत को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया. भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज भले ही एकता की बातें करते होंगे लेकिन उनकी राजनीति पूरी तरह से लोगों के विभाजन पर टिकी है.'


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