Kangana Ranaut 5 Big Statements: बॉलीवुड की क्वीन और मंडी से BJP की संसद कंगना रनौत पार्टी के लिए मुसीबतें खड़ी करती जा रही है. लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कंगना रनौत पर दांव खेला था और अभिनेत्री चुनाव जीत भी गईं, लेकिन कंगना रनौत की बेबाकी पार्टी के लिए मुसीबत बनती जा रही है. 


कंगना रनौत पिछले 1 महीने में दूसरी बार ऐसे बयान दे चुकी हैं, जिसके बाद पार्टी ने उनसे किनारा कर लिया है. इस बार कंगना ने तीन कृषि कानून को फिर से लागू करने की बात कह दी है. उनके इस बयान से बीजेपी इतनी विचलित हो गई कि अपने ही संसद की कही बातों की निंदा करने लगी. तो चलिए अब आपको बताते हैं कंगना रनौत के वह बयान जिस पर भारी विवाद हो चुके हैं. 


किसान आंदोलनकारियों पर दिया था बयान


कंगना रनौत का सबसे पहला बयान आया था साल 2020 में, जो कि किसान आंदोलनकारियों पर था. दिसंबर 2020 में बीबीसी ने 88 साल की एक बूढी महिला किसान महेंदर कौर का एक वीडियो जारी किया था, जिसमें वह झुकी हुई कमर के बावजूद भी झंडा लिए पंजाब के किसानों के साथ मार्च करती नजर आ रही थी. महेंदर कौर की इस तस्वीर की तुलना शाहीन बाग प्रदर्शन की अगुवाई करने वाली बिलकिस दादी से भी की जाने लगी थी. कंगना रनौत ने उस समय ट्वीट करते हुए तंज कसा था कि हां हां यह वही दादी है, जिन्हें टाइम्स मैगजीन की 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों के लिस्ट में शामिल किया गया था और यह 100 रुपए में उपलब्ध है. 







क्या कंगना की बेबाकी बीजेपी के लिए बनेगी मुसीबत?

किसान आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर कंगना का ये बयान ऐसे वक्त पर आया, जब हरियाणा में विधानसभा चुनाव हैं. हरियाणा में बड़ी संख्या में किसान और जाट वोटर हैं. किसान आंदोलन की वजह से जाट वोटर पहले से ही बीजेपी से नाराज बताए जा रहे हैं. ऐसे में जानकारों का मानना है कि कंगना की बयानबाजी से बीजेपी को नुकसान पहुंच सकता है. बीजेपी को भी ये अच्छी तरह से मालूम है. यही वजह है कि बीजेपी ने लगातार कंगना के दूसरे बयान पर सफाई देते हुए इसे उनका व्यक्तिगत बयान बताया है.

राहुल गांधी पर दिया था बयान


कंगना रनौत ने राहुल गांधी पर भी टिप्पणी की थी. जुलाई 2024 में संसद सत्र के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भगवान शिव और महाभारत की कथा के चक्रव्यूह का जिक्र किया था, जिसके बाद कंगना रनौत ने राहुल गांधी पर बयान दिया था कि वह जिस तरह से बदहवास बातें करते हैं, उनका टेस्ट होना चाहिए कि क्या वह कोई ड्रेग्स लेते हैं. 


शंकराचार्य पर भी उठाए सवाल


कंगना रनौत ने शंकराचार्य के ऊपर भी सवाल उठाए थे. महाराष्ट्र में राजनीतिक दलों की टूट और एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने लिखा था कि राजनीतिज्ञ राजनीति नहीं करेगा तो क्या गोलगप्पे बेचेगा. उन्होंने सोशल मीडिया एक पर इस मुद्दे से जुड़े एक पोस्ट में लिखा था कि शंकराचार्य जी ने महाराष्ट्र के हमारे माननीय मुख्यमंत्री जी को अपमानजनक शब्दावली से गद्दार, विश्वासघाती जैसे आरोप लगाते हुए हम सब की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. शंकराचार्य जी इस तरह की छोटी और ओछी बातें करके हिंदू धर्म की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं. 


असली आजादी 2014 में मिली


कंगना ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश को असली आजादी 2014 के बाद मिली है. साल 2021 में एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कंगना रनौत ने कहा था कि भारत को साल 1947 में भीख में आजादी मिली थी और देश को असली आजादी साल 2014 में मिली है. दरअसल, भारत को अंग्रेजों से साल 1947 में 15 अगस्त के दिन आजादी मिली थी. यह आजादी लंबी लड़ाई और संघर्ष के बाद मिली थी जबकि साल 2014 में नरेंद्र मोदी पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने थे.


इन हीरोइनों को बताया बी-ग्रेड एक्ट्रेस 


कंगना रनौत ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में एक्ट्रेस तापसी पन्नू और स्वरा भास्कर को बी-ग्रेड अभिनेत्री बताया. कंगना रनौत की यह टिप्पणी से सोशल मीडिया पर खूब बहस हो गई थी. उनके फैंस और विरोधियों के बीट जोरदार हंगामा भी हुआ था.


कंगना को जब CISF की महिला कॉन्स्टेबल ने जड़ा थप्पड़


कंगना रनौत के बयान बाजियों पर पॉलिटिकल एनालिस्ट अभय कुमार दुबे का कहना है हरियाणा में चुनाव चल रहा है और किसान आंदोलन भाजपा के खिलाफ है, लेकिन इन सब के बीच कंगना रणौत को ऐसी शक्ति कहां से मिल रही है, जिसके बल पर वह इतनी बड़ी बातें कह रही हैं. अभय कुमार दुबे ने कहा कि कंगना रनौत को ताकत सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलती है और उनकी बात का कोई विरोध भी नहीं करता है. कंगना रणौत के ऐसे बयान बाजी से भाजपा को चुनाव में नुकसान होगा और इसी के चलते कंगना राणौत चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ कर्मी से थप्पड़ भी खा चुकी है.


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