नई दिल्ली: जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार बुधवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर प्रदर्शन में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन न केवल मुस्लिमों को बचाने की लड़ाई है बल्कि पूरे देश की रक्षा की लड़ाई है. विश्वविद्यालय के गेट नंबर सात के बाहर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि लोगों को राष्ट्रीय नागरिक पंजी को लेकर अधिक चिंतित होना चाहिए जो कि विवादित नागरिकता कानून के मुकाबले कहीं अधिक खतरनाक है.


भीड़ ने तालियां बजाई जब कन्हैया कुमार ने कहा कि नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन ‘‘संविधान को बचाने वाले प्रदर्शनों में से एक’’ के रूप में इतिहास में दर्ज होगा. उन्होंने कहा, ‘‘अगर एनआरसी देशभर में लागू होती है तो हम सभी को नोटबंदी के दिनों की तरह लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ेगा.’’ कन्हैया कुमार ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी का पुरजोर विरोध होना चाहिए लेकिन शांति के रास्ते से भटकना नहीं चाहिए.


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छात्र नेता ने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम इसी तरह की ऊर्जा बरकरार रखते हुए होश में रहें. याद रखिए हम कलम उठाते हैं न कि एके-47.’’ कन्हैया कुमार ने कहा कि जो लोग संविधान को बचाने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें ‘‘राष्ट्र विरोधी’’ कहा जाता है और जो इसे बर्बाद कर रहे हैं उन्हें ‘‘देशभक्त’’ कहा जाता है.


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