पटना: जवाहर लाल नेहरू विश्व विद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने शरजील इमाम को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली चुनाव के मद्देनजर एंटी सीएए एक्टिविस्ट शरजील इमाम ने जानबूझ कर लोगों को मुद्दे से भटकाया है. हालांकि कन्हैया ने स्पष्ट किया कि वह शरजील के भड़काऊ बयान से सहमत नहीं हैं. साथ ही उनका शरजील से वैचारिक मतभेद है.


कन्हैया कुमार 30 जनवरी से 'हमारा देश हमारा संविधान, बापू धाम से गांधी मैदान' यात्रा शुरू करने जा रहे हैं. इसी संदर्भ में वह गांधी मैदान में पत्रकारों से बातचीत की. इस यात्रा का आयोजन एनपीआर-एनआरसी-सीएए विरोधी मार्च के बैनर तल किया जा रहा है.


शरजीत पर किए गए सवाल के जवाब में कन्हैया ने कहा कि वो कानून का पालन करने वाले व्यक्ति हैं और पुलिस जांच में उनका पूरा भरोशा है. उन्होंने कहा कि उन्हें पहले ही देशद्रोही कहा गया था. कन्हैया ने लोगों से इस यात्रा में बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील की.


कन्हैया ने कहा कि वह किसी को नागरिकता देने के विरोधी नहीं हैं, बल्कि उनका वसुधैव कुटुंबकम पर भरोसा  है. इसलिए किसी को भी भारतीय संविधान के अनुसार, नागरिकता दी जा सकती है. वास्तव में नागरिकता कानून 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी के समय में बनाया गया था, लेकिन इस सरकार ने इसके उलट एक दूसरा ही कानून पास कर दिया. जिसके चलते असम में करीब 14 से 19 लाख लोग अपनी नागरिता खो सकते हैं.


कन्हैया ने आगे कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) में अधिकारियों द्वारा की गई गलती के चलते गरीबों को दिक्कत होगी. उन्होंने दावा किया कि गरीबों से हुई छोटी सी गलती के चलते उनकी नागरिकता खतरे में आ जाएगी.


कन्हैया ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी एनपीआर के विरोधी हैं, वो सीएए के सॉल्यूशन के लिए विधानसभा में बिल पास कर सकते हैं. कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी शकील अहमद खान और सामाजिक कार्यकर्ता निवेदिता झा भी इस यात्रा में कन्हैया के साथ हैं.


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