Kanjhawala Girl Dragging Case: दिल्ली के कंझावला केस में एबीपी न्यूज का बड़ा असर हुआ है. अंजलि की मौत के जिम्मेदार आरोपियों पर धारा 302 जोड़ी जा सकती है. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ये मामला हादसे का नहीं है. आरोपियों का मालूम था कि उनकी गाड़ी में कोई फंसा है.


दिल्ली के कंझावला हिट एंड रन मामले में दिल्ली पुलिस ने गुरुवार (12 जनवरी) को अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंप दी थी. स्पेशल कमिश्नर शालिनी सिंह की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी ने ये रिपोर्ट तैयार की थी. रिपोर्ट में ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों की तरफ से लापरवाही की बात कही गई थी. 


सभी पुलिसकर्मी सस्पेंड
रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मामले में दिल्ली पुलिस के तीन पीसीआर वैन और दो पिकेट में ड्यूटी पर तैनात सभी कर्मियों को निलंबित करने का निर्देश दिया. अधिकारियों की तरफ से ये जानकारी दी गई. बताया गया कि लापरवाही के चलते इन तमाम पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई.


मंत्रालय ने क्या कहा?



  • वारदात के वक्त जो पीसीआर वैन तैनात थीं जिनकी तादाद तीन है, उनमें मौजूद पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए.

  • 2 पुलिस पिकेट में तैनात जवानों ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई, उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए.

  • डिस्ट्रिक्ट पुलिस इंचार्ज यानी डीसीपी को कारण बताओ नोटिस देने का निर्देश दिया गया है.

  • इलाके के पुलिस कमिश्नर से स्पष्टीकरण मांगा गया है कि जिस वक्त वारदात हुई उस वक्त कानून व्यवस्था के क्या इंतजाम थे. उचित जवाब न मिलने पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

  • वारदात की जगह के आसपास इलाकों में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की जाए.


फॉरेंसिक टीम पहुंची


इसके पहले बाहरी जिले के डीसीपी हरेंद्र सिंह के अनुरोध पर राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (गांधीनगर, गुजरात) के पांच एक्सपर्ट की एक टीम सुल्तानपुरी पहुंची. विशेषज्ञों की टीम अंजलि की मौत की जांच करेगी. पुलिस को उम्मीद है कि फॉरेंसिक जांच से केस में कुछ अहम सबूत हाथ लग सकते हैं. टीम में 3 महिलाएं और 2 पुरुष हैं.


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