Kanjhawala Case: कंझावला कांड के 5 आरोपियों की न्यायिक हिरासत को रोहिणी कोर्ट ने 14 दिनों के लिए बढ़ा दिया है. हालांकि, सुरक्षा कारणों से आरोपियों को कोर्ट नहीं लाया जा सका. इसके लिए जज खुद तिहाड़ जेल गए थे और वहां पर कोर्ट लगाकर न्यायिक हिरासत बढ़ाई. इससे पहले कोर्ट ने आरोपी दीपक खन्ना की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था और टालमटोल करने के लिए दिल्ली पुलिस को फटकार भी लगाई थी.


रोहिणी कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि जांच अधिकारी जमानत अर्जी का विरोध नहीं कर रहे हैं. जांच एजेंसी का दृष्टिकोण गैर गंभीर प्रतीत होता है. अदालत ने भविष्य में जमानत अर्जियों पर जवाब संबंधित डीसीपी की निगरानी में लेने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा कि यह उल्लेख करना उचित है कि इस जमानत अर्जी पर आज जो उत्तर प्राप्त हुआ है, वह सभी आधारों पर काफी अस्पष्ट और गैर-विशिष्ट है.


‘जमानत अर्जी का विरोध नहीं’


जज ने कहा कि जवाब से प्रतीत होता है कि आईओ जमानत अर्जी का विरोध नहीं कर रहा है. जांच एजेंसी को इस तरह का गैर-संवेदनशील दृष्टिकोण नहीं रखना चाहिए. यह अदालत की न्यायिक चेतना को झटका देता है कि जवाब में इस तरह के गोलमोल गैर-विशिष्ट, अस्पष्ट आधार बनाए जा रहे हैं. जांच एजेंसी का दृष्टिकोण गैर-विशिष्ट प्रतीत होता है.


मामले में दो आरोपी जमानत पर


अंकुश और आशुतोष को जमानत मिल गई है. दीपक खन्ना, अमित खन्ना, मनोज मित्तल, कृष्ण और मिथुन सहित अन्य पांच आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं. उन्हें 23 जनवरी को अदालत में पेश किया जाना था. दीपक खन्ना पर शुरू में कार के चालक होने का आरोप लगाया गया था. हालांकि, कुछ दिनों बाद, पुलिस जांच में पाया गया कि उसके चचेरे भाई और दोस्तों ने पुलिस को यह बताने के लिए कहा कि दुर्घटना के समय वह उनके साथ था क्योंकि उनमें से किसी के पास भी ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था. पुलिस ने पाया था कि दीपक की फोन लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह पूरे दिन घर पर था.


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