दिल्ली कंझावला केस में अंजलि के साथ जो हुआ, उसे लेकर लोग गुस्से में हैं और पुलिस की लापरवाही पर भी आक्रोश जाहिर कर रहे हैं. मामले की जांच से पता चलता है कि जिस कार से युवती को घसीटा गया वो पांचो में से किसी का भी नहीं थी. वह गाड़ी लोकेश नाम के एक व्यक्ति की है. 


दिल्ली पुलिस ने जब पूछताछ के लिए लोकेश से संपर्क किया गया तो उसने बताया की गाड़ी उसके जीजा आशुतोष के पास है जो रोहिणी में रहते हैं. जब पुलिस ने आशुतोष से बात की तो पता चला कि आशुतोष ने वह गाड़ी उसके दोस्त दीपक खन्ना और अमित खन्ना को दी थी. दीपक और अमित 31 जनवरी की शाम 7 बजे आशुतोष के पास से गाड़ी ले गए थे. 


अब सवाल ये है कि इस मामले में किसे कितनी सजा मिलेगी, क्या कार का मालिक भी कानून के फंदे में फंस सकता है? ड्राइवर से एक्सीडेंट हो उसके खिलाफ किन धाराओं में मुकदमा दर्ज हो सकता है?


ड्राइवर से एक्सीडेंट हो जाए तो क्या कार के मालिक पर भी दर्ज होता है मुकदमा 


इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील दिलीप पटेल ने एबीपी न्यूज को बताया, 'अगर किसी कार एक्सीडेंट में विक्टिम की मौत हो जाती है तो ऐसे में कार चलाने वाले शख्स पर धारा 304a लगती है. यह धारा जमानती प्रकृति की है इसमें केवल ड्राइवर जो वाहन को चला रहा होता है वही अभियुक्त होता है.


आईपीसी की धारा 304 ए के तहत जल्दबाजी में, उतावलेपन में कोई ऐसा कार्य करना जिससे किसी व्यक्ति की हत्या हो जाए के तहत सजा का प्रावधान है. ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर दो साल तक की जेल, जुर्माना, या जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है. ये जमानती धाराएं हैं. मजिस्ट्रेट इस मामले की सुनवाई कर सकते हैं. साथ ही इसमें जमानत के लिए अर्जी भी लगाई जा सकती है. 


दुर्घटना में विक्टिम की मौत हो जाने पर मालिक के खिलाफ किन धाराओं में मुकदमा दर्ज हो सकता है?


दिलिप पटेल ने बताया, 'ऐसी परिस्थिति में कार के मालिक पर कोई मुकदमा नहीं होता है. अगर आपने अपनी कार किसी दोस्त को दिया है और वह एक्सीडेंट कर देता है तो दुर्घटना क्लेम में मोटर मालिक और बीमा कंपनी जिम्मेदार होंगे. हालांकि अगर कोई एक्सीडेंट होता है तो पुलिस नोटिस भेजकर कार मालिक को पूछताछ के लिए बुला सकती है. पुलिस कार के मालिक से कार से हुए हादसे और किसी और को कार देने का कारण आदि को लेकर सवाल पूछ सकती है. 


एक्सीडेंट के बाद अगर ड्राइवर फरार हो जाता है तो क्या मालिक पर मुकदमा दर्ज होगा? 


नए मोटर-व्हीकल एक्ट के तहत अगर किसी हादसे के बाद वाहन ड्राइवर मौके से फरार हो जाते है. तो ऐसे मामलों में वाहन ड्राइवर पूरी तरह दोषी माना जाएगा. ऐसे में अगर गाड़ी का बीमा भी है तो भी उसे दावे का लाभ नहीं दिया जाएगा. वहीं दूसरी तरफ गाड़ी के ऑन पेपर मालिक पर किसी भी की तरह की परेशानी नहीं आएगी. नए मोटर-व्हीकल एक्ट के तहत सड़क हादसे का पूरी तरह से जिम्मेदार सिर्फ गाड़ी का ड्राइवर ही होगा. 


हादसे के समय कार का मालिक वहां मौजूद हो तो क्या हो सकता है


इस तरह के हादसे के वक्त अगर कार का मालिक खुद वारदात के वक्त कार में बैठा हो तो ऐसे में उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हो सकता है. अगर आरोपी दोषी साबित हो जाता है तो कार मालिक को भी आरोपियों जितनी ही सजा मिल सकती है. 


कंझावाला मामले में कौन चला रहा था कार 


इस मामले की जांच के अनुसार अब तक जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार गिरफ्तार पांचों आरोपियों में से एक दीपक नाम का शख्स कार चला रहा था. दूसरा शख्स मनोज मित्तल आगे की सीट पर बैठा हुआ था. वहीं अन्य तीन लोग पीछे की सीट पर बैठे हुए थे. 


क्या है पूरा मामला 


31 दिसंबर 2022 को दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में देर रात एक युवती अपने दोस्त के साथ स्कूटी से जा रही थी. इस बीच एक कार की स्कूटी से टक्कर हो गई. इस एक्सीडेंट में स्कूटी पर सवार दोनों घायल हो गए. जिस कार ने स्कूटी को टक्कर मारी थी उसमें पांच लोग सवार थे और सभी नशे में थे. 


कार सवार लोगों ने टक्कर मारने के बाद गाड़ी रोके बिना ही उसकी स्पीड तेज कर दी. स्कूटी पर सवार लड़की का पैर टक्कर लगने के कारण एक्सल में फंस गया और कार की रफ्तार के साथ वो भी खींची चली गई. उस दौरान उसके सारे कपड़े फट गए. युवती की मौके पर ही मौत हो गई.


कार सवार पांच आरोपियों ने कंझावला रोड पर जोंटी गांव के पास जब कार रोका तो पाया कि उसके कार में एक युवती फंसी हुई है. आरोपी ने उस युवती को कार से निकाल कर वहीं फेंक दिया और फरार हो गए. जब पुलिस को उसका शव मिला तब उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था.