Delhi Kanjhawala Case: कंझावला मामले में कोर्ट ने आरोपी आशुतोष भारद्वाज की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि आशुतोष के खिलाफ जांच शुरुआती दौर में है. कंझावला में 31 दिसंबर की देर रात को एक महिला की स्कूटी को टक्कर मारे जाने के बाद कार से करीब 12 किलोमीटर तक घसीटा गया था और उसकी मौत हो गयी थी. 


भारद्वाज के वकील ने सोमवार (9 जनवरी) को यह कहते हुए याचिका दायर की थी कि अपराध की प्रकृति जमानती हैं और आरोपी ने घटना के बाद पुलिस से सहयोग किया. अतिरिक्त सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि भारद्वाज ने दुर्घटना में शामिल कार, एक अन्य सह-आरोपी को सौंप दी थी, जिसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था.


यह हुए है गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था. बाद में, उन्होंने आशुतोष को गिरफ्तार किया. एक अन्य आरोपी अंकुश खन्ना ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. अंकुश को जमानत मिल चुकी है. 


फोरेंसिक टीम का दौरा
गुजरात के फोरेंसिक विशेषज्ञ टीम ने सुल्तानपुरी का दौरा किया. राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के पांच फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम दौरा कर रही है. यह टीम दिल्ली पुलिस के अनुरोध पर आई है. 


क्या हुआ था 31 की रात? 
अंजलि सिंह (20) की 31 दिसंबर की दरमियानी रात को उस वक्त मौत हो गई थी, जब एक कार ने उसकी स्कूटी को टक्कर मार दी थी. अंजलि कार के नीचे फंस गई थी और उसे सुल्तानपुरी से कंझावला तक करीब 12 किलोमीटर तक घसीटा गया था. अंजलि के साथ आखिरी समय पर मौजूद निधि ने बताया कि उसने डिंक्र की हुई थी. साथ ही बताया था कि उसकी अंजलि से लड़ाई भी हुई थी. इसके बाद निधि पर भी सवाल उठे कि वो कार से स्कूटी टकराने के बाद पुलिस के पास क्यों नहीं गई? अंजलि की मां ने भी कहा कि वो निधि को नहीं जानती है. 


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