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KS Bhagwan ही नहीं, ये 5 बड़े चेहरे भी कर चुके हैं भगवान राम को लेकर अमर्यादित टिप्पणी

मशहूर कन्नड़ लेखक केएस भगवान ने भगवान राम पर विवादित बयान देकर हलचल मचा दी है. लेकिन इससे पहले भी कई बड़े चेहरे श्रीराम पर अमर्यादित टिप्पणियां कर चुके हैं.

Kannada Writer KS Bhagwan On Lord Rama: मशहूर कन्नड़ लेखक केएस भगवान ने भगवान राम के बारे में विवादित बयान दिया है. वाल्मिकी रामायण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भगवान राम अपनी पत्नी सीता के साथ दोपहर से ही शराब पीने बैठ जाते थे. उन्होंने कहा कि राम आदर्श नहीं हो सकते. 

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक केएस भगवान ने कहा "राम राज्य के निर्माण की बात हो रही है. अगर कोई वाल्मीकि रामायण के उत्तरकांड का अध्ययन किया जाए तो ये साफ हो जाएगा कि राम आदर्श नहीं थे. उन्होंने (राम) 11 हजार साल नहीं बल्कि केवल 11 साल के लिए राज किया." केएस भगवान ने आगे कहा, राम दोपहर में सीता के साथ बैठते थे और दिन भर शराब पीते थे. उन्होंने अपनी सीता को जंगल भेज दिया और उनकी परवाह नहीं की. उन्होंने एक शूद्र शम्बू का सिर काट दिया जो पेड़ के नीचे तपस्या कर रहा था. कैसे वह आदर्श हो सकते हैं?

पहले भी दे चुके हैं बयान

यह पहली बार नहीं है जब केएस भगवान ने भगवान राम पर विवादित टिप्पणी की है. 2019 में भी उन्होंने इसी तरह का दावा किया था कि भगवान राम नशा करते थे और सीता को भी पिलाते थे. लेकिन केएस भगवान अकेले नहीं हैं जिन्होंने भगवान राम पर विवादित टिप्पणी की हो. हाल के कुछ समय में कई लोग इस तरह की टिप्पणी कर चुके हैं.

बिहार के शिक्षामंत्री का बयान

हाल ही में बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर के एक बयान पर जमकर हंगामा हुआ था. आरजेडी नेता और नीतीश सरकार में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने नालंदा विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह में तुलसीदास कृत रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था. उन्होंने कहा एक समय में मनुस्मृति, दूसरे में रामचरितमानस और तीसरे काल में गुरु गोलवलकर का बंच ऑफ थॉट्स नफरन फैलाने वाले ग्रंथ हैं. रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाला बताने पर वे जमकर निशाने पर आए थे.

संजय निषाद

भगवान राम के बारे में एक और अमर्यादित टिप्पणी यूपी में निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद की आई थी. संजय निषाद ने भगवान राम के बारे में बोलते हुए कह दिया कि वे राजा दशरथ के बेटे ही नहीं थे. निषाद ने कहा भगवान राम राजा दशरथ के वास्तविक पुत्र नहीं थे. वे यज्ञ कराने वाले शृंगी ऋषि के बेटे थे. उनको दशरथ का कथित पुत्र कहा जा सकता है. 

जीतनराम मांझी

बीते साल ही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भगवान राम को लेकर टिप्पणी की थी कि वे भगवान नहीं थे. मांझी ने कहा कि राम वाल्मीकि रामायण और तुलसीदास की रामचरितमानस के केवल पात्र थे. उन्होंने कहा कि वह उन्हें भगवान नहीं मानते. 

मणिशंकर अय्यर

भगवान राम पर विवादित बयान देने वालों में कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर का नाम भी है. 2019 में एक कार्यक्रम में मणिशंकर अय्यर ने कहा था लोग कहते हैं कि मंदिर वहीं बनाएंगे. जाइए बनाइए लेकिन कहां बनाएंगे. दशरथ बहुत बड़े राजा थे. उनके महल में 10 हजार कमरे थे. ये कैसे पता चलेगा कि भगवान राम का जन्म कहां हुआ था.

गुलाबचंद कटारिया

भगवान राम पर विवादित बयान देने वालों में सिर्फ कांग्रेस या दूसरे दल ही नहीं बीजेपी के नेता भी हैं. राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा था कि रावण ने कोई बहुत बड़ा पाप तो नहीं किया जो सीता जी को लेकर चला गया. वह सीता जी को लेकर चला गया लेकिन उसने कभी उनकी मर्जी के बगैर छुआ नहीं. इसके पहले गुलाबचंद कटारिया कह चुके हैं कि बीजेपी न होती तो भगवान राम समुद्र में होते.

यह भी पढ़ें- बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री का क्यों हो रहा विरोध? BJP नेता कपिल मिश्रा ने बतायी वजह

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