Kanpur Custodial Death Case: कानपुर देहात के लालपुर सरैया गांव में सोमवार (12 दिसंबर) को बलवंत सिंह नाम के व्यक्ति की कस्टोडियल डेथ के मामले में गठित एसआईटी ने फरार चल रहे 9 पुलिसकर्मियों में से एक पुलिसकर्मी प्रशांत गौतम को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस हिरासत में मृत युवक का नाम बलवंत सिंह था और वह सरैया लालपुर गांव का निवासी था. 


कानपुर देहात के शिवली थाना गांव की पुलिस ने छह दिसंबर को उसी गांव में रहने वाले जौहरी चंद्रभान सिंह सेंगर की आंखों में मिर्च पाउडर डालकर सोने के गहने और नकदी लूटने की घटना में उसको शक के आधार पर उठाया था. पुलिस कस्टडी में उससे इतनी मारपीट की गई कि उसकी मौत हो गई लेकिन पुलिस ने घटना को हार्टअटैक बताते हुए मुद्दे को दबाने की कोशिश की. 


'एसपी की बात को खारिज करती है पोस्टमार्टम रिपोर्ट'
बलवंत सिंह की मौत के बाद जब उसका पोस्टमार्टम किया गया तो ये सामने निकल कर आया कि उनको बुरी तरह से मारा गया था. नाम नहीं छापने की शर्त पर पैनल से जुड़े एक डॉक्टर ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पुष्टि हुई कि बलवंत सिंह (27) को छाती, चेहरे, जांघ, पैर, हाथ और तलवे सहित सिर से पैर तक लगभग दो दर्जन गंभीर चोटें आई थीं.


पोस्टमार्टम रिपोर्ट कानपुर पुलिस के उस बयान को नकारती है जिसमें ये कहा गया था कि सिंह ने सीने में दर्द की शिकायत की थी और उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी.


हत्या में शामिल पुलिसकर्मियों को लेकर क्या बोली एसपी?
कानपुर देहात की पुलिस एसपी सुनीति ने बताया कि हिरासत में मौत के मामले की जांच के लिए शिवली के थाना प्रभारी, थाना प्रभारी रनिया, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के प्रमुख, पुलिस चौकी के प्रभारी और एक कांस्टेबल के अलावा जिला अस्पताल के एक ड्यूटी डॉक्टर के खिलाफ विशेष जांच दल का गठन किया गया है.


कानपुर देहात जिले में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत की जांच के लिए बुधवार को दो पुलिस उपाधीक्षकों और दो इंस्पेक्टरों की विशेष जांच टीम का गठन किया गया है. अपर पुलिस अधीक्षक घनश्याम ने बताया कि तीन डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा किए गए पोस्टमार्टम में चोटों के कारण मौत की पुष्टि की है.


उन्होंने बताया कि एसआईटी में पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर और रसूलाबाद, सुभाष कुमार और आशापाल सिंह और दो इंस्पेक्टर, अशोक कुमार और शैलेंद्र मिश्रा शामिल है. उनके अनुसार शिवली के थाना प्रभारी (एसएचओ) राजेश सिंह, रानिया थाना प्रभारी शिव प्रकाश सिंह, एसओजी प्रमुख रहे उप निरीक्षक प्रशांत गौतम, दो उप निरीक्षक ज्ञान प्रकाश पांडेय और संपत सिंह सहित इस मामले में शामिल पुलिसकर्मियों की जल्द गिरफ्तार करने में एसआईटी की सहायता के लिए छह और पुलिस टीमों का गठन किया गया है.


पुलिस के किन दावों को खारिज करती है एफआईआर
जिला मजिस्ट्रेट ने बलवंत सिंह की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. बलवंत सिंह के परिवार के सदस्य अंगद सिंह ने जिला अस्पताल में पांच पुलिसकर्मियों और एक ड्यूटी डॉक्टर के खिलाफ रानियां थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. प्राथमिकी में कहा गया है कि बलवंत अपने चचेरे भाई गुड्डू के साथ घर जा रहा था तभी कुछ पुलिसकर्मियों ने बलवंत को रोका और उसे जबरदस्ती अपनी गाड़ी में बिठा लिया.  


प्राथमिकी ने एसपी के उन दावों को खारिज कर दिया कि बलवंत सोमवार को लूट की घटना के संबंध में अपना बयान दर्ज कराने के लिए खुद पुलिस स्टेशन गया था. पुलिस एसपी ने दावा किया था कि सूचना मिलने पर बलवंत सिंह सोमवार को बयान दर्ज कराने के लिए खुद थाने पहुंची थी और पूछताछ के दौरान उसने सीने में दर्द की शिकायत की थी.


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