(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कानपुर एनकाउंटर: गैंगस्टर विकास दुबे समेत 8 दिन में 6 का एनकाउंटर, 4 गुर्गे पुलिस की गिरफ्त में
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे साल 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी भी था. साल 2000 में कानपुर के ताराचंद इंटर कलेज के सहायक प्रबंधक सिद्घेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास दुबे का नाम आया था.
कानपुर: आठ पुलिसकर्मियों के हत्यारे और गैंगस्टर विकास दुबे को बिकरु एनकाउंटर के आठवें दिन मार गिराया गया है. यूपी पुलिस की टीम उसे उज्जैन से कानपुर लेकर आई थी, लेकिन कार पलटने के बाद उसने भागने की कोशिश की. इसी दौरान एनकाउंटर में पुलिस ने उस पर गोली चलाई और विकास दुबे की मौत हो गई. विकास दुबे से पहले उसके गैंग के 5 गुर्गों को भी पुलिस एनकाउंटर में मार चुकी है. विकास के गैंग के चार गुर्गे अभी पुलिस की गिरफ्त में है.
कब-कब पुलिस ने की कार्रवाई 2 जून की रात विकास दुबे के मामा प्रेम प्रकाश पांडे और चचेरा भाई अतुल दुबे को पुलिस ने कानपुर एनकाउंटर में ही मार डाला था. इसके बाद बुधवार सुबह हमीरपुर एनकाउंटर में विकास दुबे के दाहिना हाथ माना जाने वाला अमर दुबे को मारा गिराया. आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में अमर दुबे का भी बड़ा हाथ था. इसके बाद गुरुवार को विकास के साथी प्रभात को कानपुर के पनकी और बबुआ दुबे उर्फ प्रवीण को इटावा में एनकाउंटर में ढेर कर दिया. इस तरह विकास समेत छह लोगों को पुलिस ने ढेर कर दिया.
विकास दुबे के दो करीबी दयाशंकर अग्निहोत्री और श्यामू बाजपेयी को पुलिस ने एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया गया था. गुरुवार को विकास दुबे के साथ उसके दो साथियों को भी गिरफ्तार किया गया था. इस तरह कानपुर एनकाउंटर के चार आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त में है.
विकास दुबे कैसे गिरफ्तार हुआ था विकास दुबे गुरुवार की सुबह करीब 8 बजे महाकाल मंदिर दर्शन करने पहुंचा था. उसने सुरक्षाकर्मियों को अपने बारे में बताया और उनसे पुलिस को सूचना देने के लिए कहा. एक वायरल हुए फोटो में, दुबे को मंदिर परिसर के अंदर एक सोफा में आराम से बैठे देखा भी गया. इसके बाद मध्यप्रदेश पुलिस उसे थाने ले गई. रास्ते में उसने पुलिस को अपनी हकड़ भी दिखाई. विकास दुबे को जब पुलिस ने पकड़ा तो चिल्लाते हुए उसने कहा 'मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला.'
गैंगस्टर दुबे पर आरोप है कि पिछले शुक्रवार को उसने उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिस कर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद से ही विकास दुबे कानपुर पुलिस के लिए मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में शुमार था. दुबे इस नरसंहार का एक नामजद आरोपी था.
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