कानपुर एनकाउंटर: हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर 50 हजार का इनाम, कॉल डिटेल में मिले कई पुलिसवालों के नंबर!
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के कुछ साथियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है. पर अब तक पुलिस के हाथ विकास तक नहीं पहुंच पाए हैं. उसकी लोकेशन पता लगाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस किया जा रहा है. पुलिस की टीमें लगातार जगह-जगह दबिश दे रही हैं.
नई दिल्ली: कानपुर देहात में हुए एनकाउंटर में 8 पुलिसकर्मियों की जान लेने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथियों का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है. घटना के 24 घंटे बाद भी वो पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. इस बड़ी वारदात के बाद पुलिस लगातार छानबीन कर रही है. इस बीच पुलिस को विकास दुबे की कॉल डिटेल में कुछ पुलिसवालों के नंबर भी मिले हैं. कहा जा रहा है कि विकास दुबे को पुलिस के आने की भनक पहले से लग चुकी थी और वह हमले के लिए पूरी तरह तैयार था.
विकास की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) कई जगहों पर छापेमारी कर रही है. यूपी पुलिस ने इसका सुराग देने वाले को 50 हजार रुपये के इनाम देने का ऐलान भी किया है.
विकास ने तैयार कर रखी है युवाओं की फौज
कानपुर देहात के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव का निवासी विकास के बारे में बताया जाता है कि उसने कई युवाओं की फौज तैयार कर रखी है. इसी के साथ वह कानपुर नगर से लेकर कानपुर देहात तक लूट, डकैती, मर्डर जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देता रहा है. जानकारी के अनुसार, कानपुर में एक रिटायर्ड प्रिंसिपल सिद्धेश्वर पांडेय हत्याकांड में इसको उम्र कैद हुई थी.
कहलाता था शिवली का डॉन
यही नहीं पंचायत और निकाय चुनावों में इसने कई नेताओं के लिए काम किया और उसके संबंध प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियों से हो गए. 2001 में विकास दुबे ने बीजेपी सरकार में एक दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला को थाने के अंदर घुसकर गोलियों से भून डाला था. इस हाई-प्रोफाइल मर्डर के बाद शिवली के डॉन ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया और कुछ माह के बाद जमानत पर बाहर आ गया.
विकास दुबे के खिलाफ दर्ज हैं 52 से ज्यादा मामले इसके बाद इसने राजनेताओं के सरंक्षण से राजनीति में एंट्री की और नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीत गया था. जानकारी के अनुसार, इस समय विकास दुबे के खिलाफ 52 से ज्यादा मामले यूपी के कई जिलों में चल रहे हैं. पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम रखा हुआ था. हत्या व हत्या के प्रयास के मामले पर पुलिस इसकी तलाश कर रही थी.
लखनऊ में एसटीफ ने पकड़ा था विकास दुबे पुलिस से बचने के लिए लखनऊ स्थित अपने कृष्णा नगर के घर पर छिपा हुआ था. शासन ने कुख्यात हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने के लिए लखनऊ एसटीएफ को लगाया था. कुछ समय पहले ही एसटीएफ ने उसे कृष्णा नगर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. अब एक बार फिर जेल से निकलने के बाद बड़ी घटना को अंजाम दिया है.
करीब 100 टीमें कर रही हैं तलाश
रिपोर्ट्स के मुताबिक विकास की तलाशी के लिए पूरे राज्य में एसटीएफ समेत यूपी पुलिस की करीब 100 टीमों ने तलाशी अभियान चलाया है, लेकिन अभी तक इस गैंगस्टर का कुछ पता नहीं चल पाया है. पुलिस ने उसके गांव वाले घर में भी छापा मारा है.
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