कानपुर एनकाउंटर: गिरफ्तारी के बाद विकास दुबे के दोस्त का बड़ा खुलासा, कहा- दबिश से पहले थाने से आया था फोन
कानपुर एनकाउंटर मामले के मुख्य आरोपी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के दोस्त दयाशंकर ने खुलासा किया है कि पुलिस की दबिश से पहले विकास दुबे के पास किसी थाने से फोन आया था. हांलाकि ये अभी साफ नहीं है कि विकास को ये फोन किसने किया था.
नई दिल्ली: यूपी पुलिस ने कानपुर देहात में आठ पुलिस वालों की हत्या को अंजाम देने वाले कुख्यात अपराधी विकास दुबे के दोस्त दयाशंकर अग्निहोत्री को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में दयाशंकर ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. दयाशंकर ने कहा, ''विकास दुबे को पुलिस स्टेशन से एक फोन आया था. जिसके बाद उसने लगभग 25-30 लोगों को बुलाया.उसने पुलिस कर्मियों पर गोलियां चलाईं. मुठभेड़ के समय मैं घर के अंदर बंद था, इसलिए मैंने कुछ भी नहीं देखा.''
कानपुर के कल्याणपुर थाना क्षेत्र में पुलिस से मुठभेड़ के दौरान दयाशंकर के पैर में गोली लग गई. घायल दयाशंकर पर भी 25 हजार का इनाम घोषित है. जानकारी के मुताबिक दयाशंकर विकास के साथ घर पर ही रहता था.
पुलिस की 25 टीमें कर रही हैं छापेमारी, 350 से ज़्यादा मोबाइल सर्विलांस पर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला कुख्यात अपराधी विकास दुबे अब तक फरार है. विकास दुबे और उसके सहयोगियों को पकड़ने के लिये पुलिस की 25 टीमें लगायी गयी हैं जो प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा कुछ दूसरे प्रदेशों में भी छापेमारी कर रही हैं. सूत्रों के मुताबिक सर्विलांस टीम लगभग 350 से ज़्यादा मोबाइल फोन की छानबीन कर रही है और उससे विकास दुबे के बारे में सुराग लगाने की कोशिश कर रही है. इसके अलावा यूपी एसटीएफ की टीमें भी अपने काम में लगी हैं.
गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने में शामिल हुई आईबी देश की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) को कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के वांछित अपराधी विकास दुबे का पता लगाने के अभियान में शामिल किया गया है. इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की मदद कर रहे हैं, ताकि अपराधी दुबे का पता लगाया जा सके. गैंगस्टर के नाम पर करीब 60 मामले दर्ज हैं, इसके अलावा उसे राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त है.
विकास के चंबल के बीहड़ों में छिपे होने का शक सूत्रों का कहना है कि इंटेलिजेंस ब्यूरो और स्पेशल टास्क फोर्स को संदेह है कि गैंगस्टर चंबल के बीहड़ों में छिपा हो सकता है. उन्होंने दुबे के ठिकाने का पता लगाने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस से भी मदद मांगी है. पुलिस उसके ठिकाने की तलाश में लगी है.
राजनेताओं और पुलिस के साथ विकास के साठ-गांठ का शक जांच के दौरान यह जानकारी सामने आई है कि दुबे का कई राज्य के राजनेताओं और कानून प्रवर्तन एजेंसी- उप्र पुलिस के साथ गहरे संबंध थे. एक शीर्ष आईपीएस अधिकारी ने कहा, "उप्र में बदमाशों, राजनेताओं और नौकरशाहों के बीच सभी सांठगांठ का खुलासा होगा."
यूपी पुलिस ने विकास दुबे का घर किया ध्वस्त बीते दिन उप्र सरकार ने कानपुर में स्थित गैंगस्टर के घरों को ध्वस्त कर दिया. विकास दूबे ने कानपुर के चौबेपुर पुलिस सर्कल के तहत बिकरू गांव में आठ पुलिस कर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. घर को गिराने से पहले घर के चारों ओर 50 मीटर के क्षेत्र में घेराबंदी कर दी गई थी और दुबे के पिता और उसके परिवार के सदस्यों सहित नौकरों को परिसर को खाली करने के लिए कहा गया था. घरों के साथ ही वाहनों के पाकिर्ंग स्थान को भी गिरा दिया गया.
50 सीसीटीवी कैमरों से लैस था विकास दुबे का घर करीब 30 से 40 फीट ऊंची और मोटी दीवारों से घिरे घर को सुरक्षित रखने के लिए कॉन्सर्टिना तार और 50 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. दुबे ने कानपुर और अन्य स्थानों पर करोड़ों रुपये की भूमि पर अवैध कब्जा किया था, इसके साथ ही उसके पास महंगे फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के अलावा कई लग्जरी गाड़ियां थीं.
विकास दुबे ने घात लगाकर किया था पुलिस टीम पर हमला दुबे गिरोह ने शुक्रवार तड़के आठ पुलिस कर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसमें पुलिस उप-अधीक्षक भी शामिल थे, वहीं इस घटना में सात अन्य घायल हो गए.दुबे के खिलाफ हत्या के प्रयास की दर्ज शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए राज्य पुलिस की टीम बहुत ही सावधानी से गैंगस्टर को पकड़ने के लिए गई थी, लेकिन घात लगाए गैंगस्टर और उसके साथियों ने टीम पर हमला कर दिया.
विकास पर 2001 में लगा था राज्य मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या का आरोप दुबे ने कई पार्टियों से सालों तक राजनीतिक संरक्षण का लाभ उठाया है. वहीं उसके खिलाफ साल 1993 से हत्या, लूट, अपहरण और जमीन हथियाने जैसे 60 मामले दर्ज हैं. साल 2001 में उस पर शिवली पुलिस स्टेशन के अंदर एक भाजपा नेता और राज्य मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या का आरोप भी लगा था. हालांकि सबूतों की कमी के कारण दुबे को गिरफ्तार नहीं किया गया था.
कानपुर एनकाउंटर: पुलिस के हत्थे चढ़ा विकास दुबे का साथी दयाशंकर, कर रहा है चौंकाने वाले खुलासे