कानपुर: उत्तर प्रदेश के मोस्टवांटेड गैंगस्टर और कानपुर में आठ पुलिस जवानों की हत्या के आरोपी विकास दुबे को गुरुवार की सुबह उज्जैन की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. कानपुर एनकाउंटर में शहीद हुए CO देवेंद्र मिश्रा के परिवार ने विकास की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं. देवेंद्र मिश्रा के भाई कमलाकांत मिश्रा ने कहा, 'ये गिरफ्तारी नहीं है बल्कि उसे मौत बचाया गया है.'
देवेंद्र मिश्रा के भाई ने एबीपी न्यूज से कहा, "एक दिन पहले उसे फरीदाबाद में देखा गया. अगले दिन वह सुरक्षित उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंच जाता है, जबकि फरीदाबाद से उज्जैन की 12 घंटे की रास्ता है. आठ पुलिसकर्मियों की हत्या अकेले विकास दुबे या उसके गैंग ने नहीं की है. उसके साथ और दूसरे लोग भी शामिल थे, जो अबतक उसे बचाते रहे. उन्हीं की सलाह पर उसने सरेंडर भी किया है. इसको मैं पकड़ना नहीं कहुंगा. असल में उसे मौत से बचाया गया है. उसे विश्वास था कि उसे बचा लिया जाएगा."
"क्या ऐसे ही होती है गिरफ्तारियां?"
कानपुर में शहीद हुए सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा के परिवार ने विकास दुबे की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया है कि क्या ऐसे ही होती हैं गिरफ्तारियां? उन्होंने कहा, "विकास दुबे का नेटवर्क एक्टिव है. सारे राज्यों की पुलिस और एसटीएफ के अलर्ट रहते हुए भी वो महाकाल मंदिर पहुंच गया. वहां जाकर दर्शन की टिकट कटवाता है. ये कैसे संभव है? इसके बाद जब पुलिस वहां पहुंचती है तो मीडियावालों को लेकर जाती है. क्या ऐसे ही होती है गिरफ्तारियां?"
उन्होंने आगे कहा, मैं किसी पुलिस पर आरोप नहीं लगा रहा हूं. मैं सीधे-सीधे तंत्र पर आरोप लगा रहा हूं. पुलिसवाले अपना काम कर रहे हैं. सभी पुलिसवालों या किसी पूरी राजनीतिक पार्टी पर आरोप लगाना गलत है. इसमें शामिल लोगों की पहचान होनी चाहिए.
अखिलेश यादव ने पूछा ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी
विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर विपक्ष की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "खबर आ रही है कि ‘कानपुर-कांड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है. अगर ये सच है तो सरकार साफ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी. साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके."
इंस्पेक्टर से सीओ बने थे देवेंद्र
कानपुर में शहीद हुए सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा 2016 के पीपीएस अफसर थे. इंस्पेक्टर से प्रमोट होकर देवेंद्र कुमार सीओ बनाये गये थे. 13 जुलाई 2016 को हाथरस में इंस्पेक्टर की तैनाती पर मिला था सीओ का प्रमोशन. सीओ बनने के बाद गाजियाबाद में डिप्टी एसपी के तौर पर पहली तैनाती हुई थी. देवेंद्र मिश्रा 6 अगस्त 2016 से 1 अगस्त 2017 तक गाजियाबाद में तैनात रहे. गाजियाबाद जिला पुलिस से हटने के बाद गाजियाबाद पीएसी में भी पोस्टिंग रही. 11 अक्टूबर 2018 को देवेंद्र कुमार मिश्रा कानपुर में सीओ बनकर आए थे.
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