कानपुरः यूपी का कुख्यात बदमाश विकास दुबे अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. कानपुर देहात में एक मुठभेड़ में पुलिस के 8 जवानों की जान लेना वाला हिस्ट्रीशीटर विकास वारदात के 48 घंटे बाद भी हाथ नहीं लगा है. पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही हैं, लेकिन वो अभी तक फरार है. हालांकि सरकार ने उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसके घर को जमींदोज कर दिया है.
पुलिस की कई टीमें तलाशी में जुटी
2-3 जुलाई की मध्यरात्रि को विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर पहले से ही तैयार हिस्ट्रीशीटर और उसके साथियों ने हमला कर दिया और पुलिस के सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों को शहीद कर दिया. इसके बाद से ही वो फरार है. पुलिस ने उसकी तलाश में उसके रिश्तेदारों से लेकर कई ठिकानों पर छापेमारी की है, लेकिन फिलहाल हाथ खाली हैं.
यूपी पुलिस की करीब 25 टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं, लेकिन 2 बाद भी पुलिस को कामयाबी नहीं मिली है. कानपुर रेंज के आईजी ने विकास को लेकर जानकारी देने वाले किसी भी शख्स को 50 हजार रुपये का ईनाम देने की भी घोषणा की है. जानकारी देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी.
विकास का घर गिराया
कानपुर में पुलिसकर्मियों पर हमले के मुख्य आरोपी कुख्यात विकास दुबे पर बड़ी कार्रवाई हुई है. जिस घर से पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की गई थी, उसे जेसीबी की मदद से ढहा दिया गया है. इसके साथ ही पुलिस ने विकास के घर में मौजूद वाहनों को भी जब्त कर लिया है. विकास के घर में फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियों दो गाड़ियां मौजूद थीं.
चौबेपुर थाने के प्रभारी विनय कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है. विनय कुमार पर सूचनाएं लीक करने का आरोप है. ऐसे में उनके खिलाफ जांच के भी आदेश दिए गए हैं.
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