नई दिल्ली: कानपुर हत्याकांड का मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे की तलाश में 10 राज्यों की पुलिस लगी रही और आखिरकार मध्य प्रदेश में पकड़ा गया. हालांकि, जब तक वो पुलिस की गिरफ्त से दूर रहा, यूपी पुलिस उसपर रखी गई इनामी राशि को लगातार बढ़ाती रही. पहले पचास हजार, फिर एक लाख, फिर ढाई लाख और अब बुधवार को इनामी राशि को बढ़ाकर पांच लाख रुपए कर दिया गया. लेकिन क्या इस रकम बहुत अधिक है, क्योंकि देश में ऐसे कई अपराधी हैं जिनकर ईनामी राशि करोड़ों में है.


भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के महासचिव मुपल्ला लक्ष्मणा राव उर्फ गणपति पर साल 2014 तक राज्यों सरकारों ने 2.67 करोड़ का ईनाम रखा था. खास बात ये है कि सुरक्षा एजेंसियों के पास गणपति की कोई नई तस्वीर तक नहीं है. आज वो कैसा दिखता है, कहां है, जिंदा है या नहीं इसकी कोई जानकारी किसी के पास नहीं है.


इनाम के लिहाज से गणपति अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से भी कही ज्यादा आगे है. दाऊद पर 25 लाख रुपये का इनाम है, पिछले कई सालों से उसपर रखी इनाम राशि बढ़ाई नहीं गई है. दाऊद 1993 बम ब्लास्ट का मुख्य आरोपी है. वह भारत का मोस्ट वांटेड अपराधी है लेकिन अभी तक भारतीय खुफिया एजेंसी उसे पकड़ पाने में कामयाब नहीं हो सकी है. माना जाता है कि वह पाकिस्तान में रह रहा है.


अपराधियों पर इनाम राशि की लिस्ट
गणपति के अलावा भी कई माओवादी नेता पर सरकार ने करोड़ों का इनाम रखा था. सीपीआई (माओवादी) पोलित ब्यूरो के सदस्य नमबाला केशव राव और किशन दा उर्फ प्रशांत बोस पर क्रमश: 1.57 करोड़ और 1.47 करोड़ का इनाम रखा जा चुका है. इसके अलावा उनके सहयोगी देव कुमार सिंह उर्फ अरविंदजी पर 1.32 करोड़ रुपए का इनाम है.


हिंदू आतंकी हमले के सबसे वांछित आरोपी रामचंद्र कलसांगरा और संदीप डांगे पर सीबीआई और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से 20-20 लाख रुपये का इनाम रखा गया है.


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