Kanpur Raid News: कानपुर कन्नौज में गुटका और इत्र कंपनी के ठिकानों पर GST छापों के दौरान 178 करोड़ रूपये, 23 किलो सोने के साथ 6 करोड़ रुपए का चंदन तेल जब्त किया गया है. इस मामले में इत्र व्यवसायी पीयूष जैन को पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत मे जेल भेज दिया गया. इस मामले में जीएसटी की रिपोर्ट के बाद सोना कहां से आया, इस मामले की जांच डीआईआई विभाग शुरू करने जा रहा है. कस्टडी में मौजूद पीयूष जैन लगातार अपने बयान बदल रहा है, ऐसे में आने वाले दिनों में जब वह दूसरे विभागों की कस्टडी मे जाएगा तो कई बड़े नाम, इस मामले की जद में आ सकते हैं.


धन के काले कुबेर के यहां से बरामदगी की यह कहानी जीएसटी चोरी से शुरू हुई थी. सूत्रों का कहना है की चोरी मात्र 12 करोड़ रुपए की थी. जीएसटी इंटेलिजेंस अहमदाबाद ने इस मामले में यूपी की स्थानीय इंटेलिजेंस को भी साथ नहीं लिया था. संभवत: उन्हें शक था कि खबर बाहर फैल जाएगी और झापेमारी नाकाम हो सकती है. छापा मारने वाली जीएसटी टीम को भी भरोसा नही था कि कुछ ट्रकों की फर्जी इनवॉइस का मामला बैंकों और उनके अधिकारियो को नोटों की मशीन के साथ नोट गिनने के लिए बुला लेगा. शुरुआत में अहमदाबाद जीएसटी इंटेलीजेंस ने गणपति रोड कैरियर्स के कुछ ऐसे ट्रकों को पकड़ा था, जो फर्जी इनवाइस के आधार पर जीएसटी की चोरी कर रहे थे. अहमदाबाद मे छापेमारी के दौरान ऐसे 200 फर्जी इनवॉइस मिले और कानपुर और कन्नौज का पता भी मिला.


ऐसे कानपुर रेड हुई शुरू


जीएसटी टीम सूचना के आधार पर पहले शिखर पान मसाला के कार्यालय पहुंची. जीएसटी टीम का कहना है कि शिखर ने अपनी गलती मानते हुए तीन करोड़ 9 लाख रुपये का जीएसटी चुकाने को कहा था. जांच टीम ने इस मामले के अन्य किरदार ओडोकैम इंडस्ट्रीज आनंदपुरी कानपुर मे भी छापा मारा. यह कंपनी शिखर को इत्र सप्लाई करती थी. छापे से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक हमारा मानना था कि कुछ करोड़ की बरामदगी के बाद मामला खत्म हो जाएगा, लेकिन इस ठिकाने पर जो कैश मिला उसने पूरी जांच टीम के होश ही उड़ा दिए, क्योकि कैश था कि गिनने पर खत्म होने का नाम ही नही ले रहा था. लिहाजा कैश गिनने के लिए बैंको के अधिकारी और नोट गिनने वाली मशीने बुलाई गईं. धीरे-धीरे यह कैश 177 करोड़ रूपये से ज्यादा पहुंच गया.


रेड के पैसे का क्या होता है?


आपके मन में है सवाल होगा कि आखिर करोड़ों रुपए की नगदी कहां जाएगी, किसके पास रहेगी. कानून के मुताबिक यह नगदी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में तब तक जमा रहेगी, जब तक इस केस का अंतिम फैसला न हो जाए. अगर यह साबित हो जाएगा कि यह पैसा चोरी का है या काले धन का है तो इस पैसे को जब्त कर लिया जाएगा. अगर पीयूष जैन यह साबित कर दे कि यह पैसा उसका जायज कमाया हुआ है तो जितने साल यह पैसा बैंक में जमा रहेगा उतने साल का ब्याज लगाकर यह पैसा सरकार को वापस लौटाना होगा.


इस छापेमारी के साथ ही जांच टीम ने कन्नौज के ठिकानों पर भी छापेमारी शुरू कर दी है. सूत्रो के मुताबिक दस्तावेजो की जांच के दौरान पता चला कि ओडोकैम कंपनी साल 1992 मे बनी थी और इसके तीन साझेदार हैं, जिनमे पीयूष जैन, महेश जैन और अंबरीश जैन शामिल है. 


कंपनी का टर्नओवर


2017-18 में 1 करोड 70 लाख रुपये का टर्न ओवर 
2018 -19 मे 5 करोड 14 लाख रुपये का टर्नओवर
2019-20 मे 5 करोड 25 लाख रुपये का टर्नओवर 


अभी सिर्फ GST टीम जुटी


अभी तक की छापेमारी में केवल GST इंटेलिजेंस की टीम ही शामिल है. उसने इस मामले में आयकर विभाग और दूसरे विभागों को बुलाया तक नहीं है. सूत्रों का कहना है कि जीएसटी विभाग को मुकदमें से ज्यादा की कर चोरी होने पर आयकर विभाग को बुलाना होता है. इस मामले में आयकर विभाग की टीम को आज शाम तक नहीं बुलाया गया. जीएसटी विभाग की अधिकारिक सूचना के मुताबिक कन्नौज मे उसने ओडोकैम कंपनी की फैक्टरी और रिहायशी ठिकानो पर छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान उसे 17 करोड़ रुपये नगद, 23 किलोग्राम सोना बरामद किया गया, जिसमे विदेशी सोने के बिस्कुट भी शामिल है. इसके अलावा 600 किलोग्राम चंदन लकड़ी से निकाला गया तेल और इत्र बनाने का बेहिसाब सामान बरामद हुआ है. इस तेल की कीमत 6 करोड़ रुपये बतायी गई है. विदेशी मेकिंग का सोना मिलते ही जीएसटी विभाग ने डीआरआई यानि डायरेक्ट्रेट आफ रेवन्यू इंटेलीजेस को भी सूचित कर दिया.


रेवेन्यू इंटेलिजेंस की टीम भी रवाना


जीएसटी विभाग की सूचना के बाद डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस जांच के लिए एक टीम कानपुर और कन्नौज भेज रही है. यह विदेशी सोना कहां से आया, किस रास्ते से आया, पेमेंट किस तरह से हुआ, इस बात की जांच ये टीम करेगी. इस मामले में जल्द ही ईडी की भी एंट्री हो सकती है. जीएसटी विभाग ने इस मामले मे सामने आए बड़े किरदार पीयूष जैन को शुरुआती पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है. सूत्रो ने बताया कि पूछताछ के दौरान पीयूष जीएसटी अधिकारियो द्वारा पूछे गए सवालो का संतोषजनक जवाब नही दे रहा था. पांच करोड़ रुपये से ज्यादा के मामलों मे जीएसटी इंटेलीजेंस को गिरफ्तारी का भी अधिकार है. गिरफ्तार पीयूष को कानपुर की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत मे जेल भेज दिया गया.




लगातार बयान बदल रहा आरोपी


जीएसटी सूत्रों के मुताबिक पीयूष जैन अपने बयान लगातार बदल रहा था. कभी उसने कहा कि सारा पैसा मेरा नहीं. कभी उसने कहा यह पैसा उसने सामान और ज्वैलरी बेचकर इकट्ठा किया है. जांच एजेंसियों को शक है कि वो कुछ लोगों को बचाने के लिए झूठ बोल रहा है. ऐसे में आने वाले दिनों में जब दूसरी जांच एजेंसियां पूछताछ करेंगी तो इस मामले में कुछ और बड़े नाम सामने आ सकते है. जीएसटी विभाग ने भले ही अपने इतिहास मे इतनी बड़ी बरामदगी का सेहरा बांध लिया हो, लेकिन अभी भी कई सवाल बाकी हैं.