(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Kanpur IT Raid: इत्र कारोबारी Piyush Jain की आज होगी कानपुर कोर्ट में पेशी, कन्नौज में मिले सोने-चांदी का देना होगा हिसाब
Kanpur IT Raid: कानपुर में जमा रुपयों की एफडी (फिक्स डिपॉजिट) के लिए एसबीआई को चिट्ठी भेज दी गई है.
Kanpur IT Raid: इत्र कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों पर कई दिनों तक चली जांच के बाद उसके कारोबार से जुड़े कई तथ्य निकलकर सामने आ रहे हैं. जानकारों के अनुसार, जीएसटी इंटेलिजेंस को शुरुआती जांच में पता चला है कि पीयूष की तीन फर्मों का वित्तीय वर्ष 2020-21 का टर्नओवर सिर्फ 21 करोड़ था, लेकिन उसके घरों से कुल 196.45 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए. डीजीजीआई अधिकारियों की पूछताछ में वह किसी सवाल का सही जवाब नहीं दे सका.
सरकारी वकील अंबरीष टंडन ने बताया कि पीयूष जैन के कानपुर वाले घर में 7 अलमारियों से 177.45 करोड़ रुपये बरामद हुए. इसमें दो अलमारियां तो बेडरूम में थीं. पीयूष के ठिकानों से मिले कागजातों में दो फर्म ओडोकेम इंडस्ट्रीज और फ्लोर नैचुरल के अलावा एक कंपनी ओडोसिंथ इनकॉरपोरेशन के कागजात मिले. इन तीनों का पिछले वित्तीय वर्ष का कुल टर्नओवर 21 करोड़ रुपये था. माना जा रहा है कि ओडोसिंथ से एक्सपोर्ट किया जाता था. ओडोकेम इंडस्ट्रीज के पार्टनर पीयूष और उसका सगा भाई अंबरीष है.
पूछताछ में नहीं खोला मुंह
डीजीजीआई के अधिकारियों ने पीयूष से घंटों पूछताछ की. जब उससे माल के लेनदेन के बारे में पूछा गया तो जवाब दिया कि "वह गुप्त तरीके से माल खरीद-बिक्री करता था. पिछले 3-4 वर्षों से वह ऐसा कर रहा था." जब नकद में खरीद-बिक्री करने वालों के नाम पूछे गए तो उसने कहा कि "उसे कुछ याद नहीं है. किसी सप्लायर का नाम नहीं पता." अब तक की तफ्तीश बताती है कि इन तीन फर्मों में पिछले 4 साल से हर साल 45 करोड़ रुपये के बिल बनाए गए. लेकिन वह इस विषय पर चुप्पी साध गया कि इनवॉइस किसे दिए.
एसबीआई को भेज दी गई है चिट्ठी
कानपुर में जमा रुपयों की एफडी (फिक्स डिपॉजिट) के लिए एसबीआई को चिट्ठी भेज दी गई है. भारत के राष्ट्रपति के नाम डीजीजीआई अहमदाबाद के खाते में यह एफडी की जाएगी. ताकि केस का फैसला आने तक ब्याज मिलता रहा. वरना नकदी बैंक में यूं ही जमा रहती.
3-4 साल में हुए 177 करोड़ रुपये इकट्ठा
वकील अंबरीष टंडन ने बताया कि पीयूष ने 3-4 साल में 177 करोड़ रुपये इकट्ठा होने की बात स्वीकारी है. टैक्स चोरी भी कबूली है. जांच जारी है. जीएसटी की देनदारी तय होने के बाद कोर्ट में कंप्लेंट दाखिल की जाएगी. सीजीएसटी की धाराओं में 5 वर्ष की सजा का प्रावधान है. फिलहाल 31.50 करोड़ की टैक्स चोरी मिली है. अभी तो और कर जमा करना होगा। छापेमारी कुल 7 ठिकानों पर हुई थी.
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