Karauli Baba Controversy: बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के बाद इन दिनों कानपुर के करौली बाबा (Karauli Baba) सुर्खियों में बने हुए हैं. अपनी अजीबोगरीब बातों को लेकर वो चर्चा में रहते हैं. बीते दिनों उनके समर्थकों ने नोएडा के एक डॉक्टर की इसलिए पिटाई कर दी, क्योंकि उसने बाबा को चैलेंज कर दिया था. वहीं अब बाबा ने रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने तक का दावा ठोक दिया है. उन्होंने कहा कि वो "दोनों देशों के नेताओं की याददाश्त को मिटाकर युद्ध रोक सकते हैं." खैर ये तो थी बाबा की अनोखी और अजीबोगरीब बातें, लेकिन अब बाबा के जीवन के बारे में भी जान लेते हैं. चलिए आपको बाबा के शुरुआती जिंदगी से लेकर अब तक की सारी कहानी बताते हैं.


करौली बाबा का नाम संतोष सिंह भदौरिया है. संतोष सिंह भदौरिया (Santosh Singh Bhadoria) लंबे समय तक आयुर्वेद के डॉक्टर रहे हैं. इसी के साथ वो किसानों के मुद्दे भी उठाते रहे हैं. 1989 में संतोष सिंह भदौरिया ने किसान यूनियन ज्वाइन की थी और इसके बाद वो भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष भी बने. संतोष भदौरिया उर्फ करौली बाबा पिछले तीन सालों से कानपुर में अपना आश्रम चला रहे हैं.


करौली बाबा का क्रिमिनल रिकॉर्ड


कानपुर वाले करौली बाबा का आपराधिक इतिहास भी रहा है. 1992-95 के बीच उन पर हत्या, सेवन सीएलए समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हुए थे. कहा जाता है कि पुलिस से बचने के लिए करौली बाबा किसान नेता बन गया और बाद में जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा करने लगा. यहां तक की कोतवाली थाना क्षेत्र में एक चर्च की जमीन का एग्रीमेंट कराकर रुपये तक हड़पने का आरोप भी है. करौली बाबा पर बिधनू में भूदान पट्टा पर सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर कर कब्जा कर आश्रम खोलने का आरोप भी लगा.


आखिर क्यों प्रसिद्ध है करौली बाबा?


करौली बाबा वैदिक तरीके से गंभीर बीमारियों के इलाज का दावा करता है. उसके समर्थक दावा करते हैं कि उसके आश्रम में आने के बाद बड़ी से बड़ी बीमारी भी ठीक हो जाती है. ये भी कहा जाता है कि बाबा अपने चमत्कार से भी लोगों का इलाज कर देता है. बता दें कि ऐसी ही बातें बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के लिए भी कही जाती हैं. उन पर भी आरोप है कि वो लोगों को चमत्कार के नाम पर बेवकूफ बना रहे हैं.


बाबा का आश्रम और रसूख


कानपुर के थाना क्षेत्र बिधनू के अंतर्गत करौली गांव में संतोष सिंह भदौरिया का आश्रम है. वो करौली सरकार धाम के नाम से भी जाना जाता है. उसके आश्रम में देश और विदेश से भक्त आते हैं. आश्रम में चमत्कार के माध्यम से लोगों के इलाज करने का दावा किया जाता है. यह मानव मंदिर, लव कुश आश्रम कानपुर के ग्राम करौली में है. करीब 14 एकड़ में फैला यह आश्रम अपने आप में एक शहर है.


करौली बाबा के आश्रम में हर दिन 3500 से 5000 तक लोग आते हैं. अमावस्या वाले दिन यह तादात 20 हजार तक पहुंच जाती है. यहां रात-दिन का पता नहीं चलता. लोग चौबीसों घंटे हवन करते रहते हैं. इसके लिए बाकायदा उन्हें आश्रम से हवन किट मिलती है. आश्रम में दो मंदिर हैं, एक राधा रमण मिश्र का और दूसरा मां कामाख्या का. 


बाबा ने महज तीन साल में करोड़ों का साम्राज्य खड़ा किया है. आश्रम के लोग बताते हैं कि 17 देशों में बाबा के भक्त हैं. कई भक्त उन्हें लाखों रुपए का सामान भी भेंट करते हैं. पैसे-रुपए और लेन-देन का प्रबंधन बाबा के बेटे लव और कुश करते हैं. आश्रम में सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम हैं. आश्रम में चारों तरफ गनर खड़े रहते हैं.


करौली बाबा पर कितने केस दर्ज हैं?


साल 1992 में संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली बाबा पर हत्या का केस दर्ज हुआ. इस मामले में उनको जेल भी जाना पड़ा. साल 1993 में उन्हें जमानत पर रिहाई मिली. इसके बाद, साल 1994 में करौली बाबा के खिलाफ गाली गलौज, मारपीट, क्रिमिनल एक्ट की धारा में FIR दर्ज हुई. NSA के तहत भी कार्रवाई हुई. फिर, साल 1995 में बर्रा में बाबा के खिलाफ FIR दर्ज की गई और अब मार्च, 2023 में बाबा और उनके साथियों पर धारा 323, 504 और 325 IPC में एफआईआर दर्ज की गई है.


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